Told Jesus the Supreme : पाकिस्तान| पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामले को लेकर एक क्रिश्चियन व्यक्ति को फांसी की सजा सुनाई गई है। मामला करीब 5 साल पुराना है। अशफाक मसीह नाम के इस व्यक्ति को जून 2017 में गिरफ्तार किया गया था। उस पर आरोप था कि उसने जीजस को ‘सुप्रीम’ बताया था। बता दें कि पाकिस्तान का नाम उन देशों में शामिल है जहां ईशनिंदा को लेकर फांसी की सजा का ऐलान है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
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देखिए क्या है पूरा मामला
अशफाक मसीह बाइक रिपेयरिंग का काम करता था। वह लाहौर में अपनी दुकान पर एक शख्स की बाइक ठीक कर रहा था। जब उसने बाइक ठीक करने के पैसे मांगे तो ग्राहक उसे पैसे देने से इनकार करने लगा। बाद में ग्राहक ने उससे डिस्काउंट देने को कहा। जब मसीह ने इसका कारण पूछा तो ग्राहक ने कहा कि उसे धार्मिक आधार पर छूट चाहिए।
मसीह ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। मसीह ने ग्राहक से कहा कि वह जीसस पर विश्वास करता है। इसे बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया और भीड़ जना होने लगी। मौके पर भारी भीड़ के बीच पर विवाद बढ़ने लगा तो लोगों ने मसीह से कहा कि उसे प्रोफेट मुहम्मद का अपमान किया है। इसके बाद मसीह ने कहा कि क्रिश्चिन में जीसस सुप्रीम हैं।
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Told Jesus the Supreme : इससे बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मसीह को गिरफ्तार कर उससे खिलाफ ईशनिंदा का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। 2019 में उसके मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दी गई। बाद में उसे फिर गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि पिछले महीने पाकिस्तान के बहावलपुर कोर्ट ने भी हिंदू परिवार के पांच लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया था। इसी साल जनवरी में ही 26 साल की एक महिला को ईशनिंदा के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी।