निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा मतदाता सूची के मिलान की प्रगति का आकलन किया

निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा मतदाता सूची के मिलान की प्रगति का आकलन किया

निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने मौजूदा मतदाता सूची के मिलान की प्रगति का आकलन किया
Modified Date: October 22, 2025 / 09:18 pm IST
Published Date: October 22, 2025 9:18 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) देशभर में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए अपनी तैयारियों को तेज करते हुए बुधवार को निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने विभिन्न राज्यों में पिछले एसआईआर के अनुसार मौजूदा मतदाता सूची के मिलान संबंधी कवायद की प्रगति का आकलन किया।

इस कवायद से राज्य चुनाव तंत्र को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि पिछले गहन पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची में कितने मतदाता थे और नवीनतम मतदाता सूची में कितने मतदाता हैं।

बिहार की तरह, मतदाताओं को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होगा, बल्कि केवल अर्ध-भरे हुए गणना फॉर्म जमा करने होंगे।

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निर्वाचन आयोग का मानना ​​है कि वर्तमान मतदाताओं का पिछली एसआईआर से मिलान कर लेने से ज्यादातर राज्यों में आधे से अधिक मतदाताओं को एसआईआर के दौरान कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

एक बयान में कहा गया है कि आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों, बूथ स्तर के अधिकारियों और बूथ स्तर के एजेंट की नियुक्ति और प्रशिक्षण की स्थिति की भी समीक्षा की, जिन्हें राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त किया जाता है।

दो दिवसीय यह बैठक सितम्बर के बाद से दूसरी बार हो रही है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्तों एस एस संधू तथा विवेक जोशी ने तैयारियों की समीक्षा के लिए यहां सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों से मुलाकात की।

निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों में एक मजबूत राय यह है कि एसआईआर को चरणों में आयोजित किया जाना चाहिए, जिसकी शुरुआत उन राज्यों से की जानी चाहिए जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण में और भी राज्य शामिल किए जा सकते हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही, जिन राज्यों में स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं या होने वाले हैं, वहां इस कवायद को अभी नहीं किया जायेगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर चुनाव तंत्र इसमें व्यस्त है और वह एसआईआर पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पायेगा।

असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2026 में होने हैं।

इन पांच राज्यों के अलावा, पहले चरण में कुछ अन्य राज्यों में भी एसआईआर कवायद की जा सकती है।

बिहार में एसआईआर का काम पूरा हो गया है, जहां 30 सितंबर को लगभग 7.42 करोड़ नामों वाली अंतिम सूची प्रकाशित की गई।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सभी राज्यों में मतदाता सूचियों की एसआईआर शुरू करने का काम प्रगति पर है और इसे शुरू करने पर अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग द्वारा लिया जाएगा।

बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा था कि निर्वाचन आयोग ने 24 जून को बिहार में एसआईआर की शुरुआत करते समय अखिल भारतीय एसआईआर की अपनी योजना की घोषणा की थी।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में काम जारी है और तीनों आयुक्त राज्यों द्वारा एसआईआर शुरू करने की तारीखों पर निर्णय लेने के लिए बैठक करेंगे।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश


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