त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने पदोन्नतियां रद्द कर 22 अधिकारियों को मूल पद पर वापसी के आदेश दिए
त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने पदोन्नतियां रद्द कर 22 अधिकारियों को मूल पद पर वापसी के आदेश दिए
अगरतला, 11 दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने त्रिपुरा पुलिस सेवा (टीपीएस) में ग्रेड-2 के 22 अधिकारियों की पदोन्नति रद्द कर दी और उन्हें निरीक्षक के उनके मूल पद पर वापस भेजने का आदेश दिया है। यहां एक अधिवक्ता ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस आदेश ने एकल पीठ के पिछले फैसले को पलट दिया गया है।
यह फैसला 22 निरीक्षकों द्वारा दायर एक रिट याचिका के बाद आया है, जिसमें उन्होंने राज्य में कई वर्षों से रुकी पदोन्नति प्रक्रिया के बाद एक बार की आयु में छूट की मांग की गई थी।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने जनवरी 2023 में उनकी याचिका को स्वीकार कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने सभी 22 अधिकारियों को टीपीएस ग्रेड-दो में पदोन्नत किया था।
त्रिपुरा लोक सेवा आयोग (टीपीएससी) के दिशानिर्देशों के अनुसार, 55 वर्ष या उससे अधिक आयु के अधिकारी उच्च पद पर पदोन्नति के लिए पात्र नहीं हैं।
जतिंद्र दास के नेतृत्व में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति श्रेणी के 17 निरीक्षकों ने एकल पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ के समक्ष एक रिट याचिका दायर की।
उन्होंने तर्क दिया कि 55 वर्ष की पात्र आयु सीमा पार कर चुके 22 निरीक्षकों की पदोन्नति के कारण उन्हें पदोन्नति से वंचित किया गया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शंकर लोध ने पत्रकारों से कहा, ‘‘मामले की सुनवाई के बाद, मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव ने बुधवार को एकल पीठ के आदेश को पलट दिया और सरकार को सभी 22 टीपीएस ग्रेड 2 अधिकारियों को निरीक्षक (मूल पद) के पद पर वापस भेजने का निर्देश दिया।’’
लोध ने कहा, ‘‘विभागीय पीठ ने अपने आदेश में एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया और सरकार को निर्देश दिया कि वह टीपीएस ग्रेड 2 के पद के लिए सभी पात्र उम्मीदवारों के पूल से रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरे।’’
भाषा
यासिर रंजन
रंजन

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