प.बंगाल की घाटल सीट पर बांग्ला फिल्म जगत के दो सितारों में मुकाबला, बाढ़ से निजात प्राथमिकता

प.बंगाल की घाटल सीट पर बांग्ला फिल्म जगत के दो सितारों में मुकाबला, बाढ़ से निजात प्राथमिकता

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  • Publish Date - April 18, 2024 / 02:27 PM IST,
    Updated On - April 18, 2024 / 02:27 PM IST

(सुदीप्तो चौधरी)

कोलकाता, 18 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की घाटल लोकसभा सीट के लोगों के लिए दशकों से बाढ़ ही एकमात्र मुद्दा है और हर चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों ने उन्हें इससे निजात दिलाने के वादे किये, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। इस बार घाटल से बांग्ला फिल्म जगत के दो लोकप्रिय सितारे चुनाव मैदान में हैं और उन्होंने भी ‘बाढ़’ को प्राथमिकता बताया है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मौजूदा सांसद देव उर्फ दीपक इस सीट से पार्टी के टिकट पर दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हिरण्मय चट्टोपाध्याय से है जो खड़गपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं।

देव और चट्टोपाध्याय दोनों ने ही घाटल के लोगों से बाढ़ से निजात दिलाने का वादा किया है।

कोलकाता से लगभग 120 किमी दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले का घाटल उप-मंडल छोटा नागपुर पठार के जलग्रहण क्षेत्र के निचले हिस्से में स्थित है, इसलिए हर साल यहां के लोगों को बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है।

घाटल मानसून की बारिश के बाद भी महीनों तक पानी में डूबा रहता है तब लोगों के पास आवागमन का साधन नाव ही होती है।

इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद देव ने कहा, ”मुझे उम्मीद है कि घाटल के लोगों के लिए अच्छा काम जारी रहेगा। मैं घाटल मॉडल को सफल बनाना चाहता हूं।”

दो बार के सांसद देव ने कहा, ”यह घाटल मॉडल एक अहम विषय है। मुझे राजनीति के बारे में ज्यादा समझ नहीं है और एक तरीके से मेरे लिये यह अच्छा है। लोग इस बात को समझते हैं और मैं भी उनका दर्द महसूस कर सकता हूं। इसी वजह से मैंने यहां से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। यदि घाटल मॉडल को लागू करने के लिए अगर मुझे पुनर्जन्म लेना पड़ा तो मैं वह भी करूंगा।”

भाजपा के उम्मीदवार चट्टोपाध्याय ने कहा, ”वह (देव) खुद कह रहे हैं कि जो काम वह 10 साल में नहीं कर सके उसे करने के लिए उन्हें पुनर्जन्म की जरूरत है। इस निर्वाचन क्षेत्र में फर्जी नौकरी कार्ड बनाकर केंद्र द्वारा दिए गए पैसे का गबन किया गया है।”

भाजपा उम्मीदवार ने ‘घाटल मास्टर प्लान’ को लागू करने के अलावा दो और वादे किये हैं, जिसमें बेहतर रेलवे सेवा और निर्वाचन क्षेत्र को ‘गोल्ड हब’ में बदलना शामिल है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस साल फरवरी में घोषणा की थी कि उनकी सरकार केंद्र की मदद के बिना ‘घाटल मास्टर प्लान’ लागू करेगी।

क्षेत्र के लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए वर्ष 1979 में पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के कृषि विभाग ने ‘घाटल मास्टर प्लान’ को मंजूरी दी थी।

ममता बनर्जी का कहना है कि ‘घाटल मास्टर प्लान’ के लिए 1,250 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत होगी और इससे 17 लाख लोगों को मदद मिलेगी।

इस सीट पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।

भाषा

प्रीति मनीषा

मनीषा