उप्र: पुलिस महानिदेशक को जमानत याचिका संबंधी सूचना के लिए परिपत्र जारी करने का निर्देश
उप्र: पुलिस महानिदेशक को जमानत याचिका संबंधी सूचना के लिए परिपत्र जारी करने का निर्देश
प्रयागराज, तीन दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को एक परिपत्र जारी कर यह बताने का निर्देश दिया कि जमानत याचिकाओं के संबंध में शासकीय अधिवक्ता को सूचना उपलब्ध कराने में अगर किसी पुलिस अधिकारी की तरफ से लापरवाही पाई जाती है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने विनोद राम नाम के व्यक्ति की जमानत याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी की तरफ से देरी की वजह से पहले जमानत नहीं दी जा सकी।
अदालत ने कहा कि आवश्यक सूचना उपलब्ध कराने में पुलिस अधिकारियों की तरफ से लापरवाही मात्र की वजह से एक आरोपी को रिहा होने से नहीं रोका जा सकता।
याचिकाकर्ता विनोद राम के खिलाफ अपहरण का मुकदमा लंबित है।
इससे पहले 17 नवंबर को अदालत को सूचित किया गया था कि बलिया के पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजने के बावजूद कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।
अदालत ने इस विलंब को गंभीरता से लेते हुए इसे “कुछ और नहीं बल्कि न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप” करार दिया और कहा कि इस तरह का कृत्य तिरस्कारपूर्ण है।
अदालत ने बलिया के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया।
अदालत के पूर्व के आदेश के अनुपालन में बलिया के पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर अदालत को बताया कि संबंधित उपनिरीक्षक के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की गई है और उसे जांच पूरी होने तक के लिए निलंबित किया गया।
भाषा सं राजेंद्र जितेंद्र
जितेंद्र

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