इम्फाल परीक्षा केंद्र वाले यूपीएससी अभ्यर्थी इसे बदल सकते हैं: यूपीएससी ने कहा

इम्फाल परीक्षा केंद्र वाले यूपीएससी अभ्यर्थी इसे बदल सकते हैं: यूपीएससी ने कहा

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  • Publish Date - March 29, 2024 / 09:07 PM IST,
    Updated On - March 29, 2024 / 09:07 PM IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया है कि वह मणिपुर के पर्वतीय जिलों के उन अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देगा, जिन्होंने अपने परीक्षा केंद्र के रूप में इम्फाल का चयन किया था। आयोग ने यह भी कहा कि राज्य सरकार उन अभ्यर्थियों को यात्रा सुविधा मुहैया कराएगी।

आयोग ने कहा कि ऐसे उम्मीदवार आठ से 19 अप्रैल के बीच ई-मेल के माध्यम से परीक्षा केंद्र बदलने का अनुरोध करके आइजोल (मिजोरम), कोहिमा (नगालैंड), शिलांग (मेघालय), दिसपुर एवं जोरहाट (असम), कोलकाता (पश्चिम बंगाल) तथा दिल्ली के किसी केंद्र का चयन कर सकते हैं।

यह बयान जोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन की उस याचिका पर आया है जिसमें सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2024 और भारतीय वन सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2024 के लिए मणिपुर के पहाड़ी जिलों- चुराचांदपुर और कांगपोकपी- में परीक्षा केंद्र स्थापित करने की मांग की गई है।

यूपीएससी ने कहा कि चूंकि मणिपुर सरकार ने चुराचांदपुर और कांगपोकपी में परीक्षा केंद्र खोलने में असमर्थता व्यक्त की है, इसलिए यूपीएससी परीक्षा के लिए वहां परीक्षा स्थल खोलना और संचालित करना संभव नहीं है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की खंडपीठ ने बृहस्पतिवार को जारी अपने आदेश में कहा, ‘‘उन्होंने (यूपीएससी के वकील ने) आश्वासन दिया है कि आयोग मणिपुर के पहाड़ी जिलों के वैसे उम्मीदवारों को आठ अप्रैल से 19 अप्रैल 2024 के बीच अपना परीक्षा केंद्र बदलने की अनुमति देगा, जिन्होंने इम्फाल का चयन अपने परीक्षा केंद्र के रूप में किया है।’’

अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि मणिपुर सरकार ने परिवहन के लिए किराये की प्रतिपूर्ति के रूप में वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है और यह राशि द्वितीय श्रेणी स्लीपर रेलवे किराया दरों या राज्य की अधिसूचित बस किराया दरों की अधिकतम सीमा तक सीमित होगी।

अदालत ने यह भी कहा कि राज्य सरकार भोजन और ठहरने की व्यवस्था के लिए प्रतिदिन 1,000 रुपये की दर से अधिकतम तीन दिनों के लिए राशि उपलब्ध कराएगी।

याचिका पर कार्यवाही बंद करते हुए अदालत ने आयोग के साथ-साथ मणिपुर सरकार द्वारा दिए गए बयानों और आश्वासनों को ‘स्वीकार’ किया और कहा कि वे इससे बंधे रहेंगे।

भाषा सुरेश माधव

माधव