उत्तराखंड : कांग्रेस पुराने लिपुलेख दर्रे को स्थानीय लोगों के लिए खोलने की मांग को लेकर देगी धरना

उत्तराखंड : कांग्रेस पुराने लिपुलेख दर्रे को स्थानीय लोगों के लिए खोलने की मांग को लेकर देगी धरना

उत्तराखंड : कांग्रेस पुराने लिपुलेख दर्रे को स्थानीय लोगों के लिए खोलने की मांग को लेकर देगी धरना
Modified Date: October 13, 2024 / 07:16 pm IST
Published Date: October 13, 2024 7:16 pm IST

पिथौरागढ़, 13 अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस की उत्तराखंड इकाई ने कैलाश दर्शन के लिए पुराने लिपुलेख दर्रे को स्थानीय लोगों के लिए भी खोलने की मांग को लेकर 15 अक्टूबर को व्यास घाटी में लिपुलेख दर्रे पर धरना देने का आह्वान किया।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष करन माहरा और धारचूला से पार्टी विधायक हरीश धामी पुराने लिपुलेख दर्रे पर डेढ़ सौ से अधिक कार्यकर्ताओं द्वारा दिए जाने वाले इस पांच घंटे के धरने का नेतृत्व करेंगे।

भारतीय भूभाग में स्थित पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलाश दर्शन की योजना को उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने केंद्र सरकार की सितंबर में मंजूरी मिलने के बाद पिछले हफते शुरू किया था।

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कांग्रेस उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने कहा, “उत्तराखंड पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित पायलट परियोजना के तहत अमीर श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर के जरिए लिपुलेख दर्रे जाकर कैलाश चोटी के दर्शन की अनुमति दी जा रही है तो सदियों से कैलाश पर्वत को पूजने वाले स्थानीय लोगों को यह अनुमति क्यों नहीं दी जा रही।”

जोशी ने कहा कि राज्य सरकार की यह नयी पहल व्यास घाटी के स्थानीय लोगों और जिले के पर्यटक आधारित व्यवसायियों की आजीविका पर बुरा असर डालने वाली है।

धारचूला के उपजिलाधिकारी मंजीत सिंह ने कहा कि पुराना लिपुलेख दर्रा सेना के नियंत्रण में है और ऐसी किसी अनुमति के लिए सेना से विचार विमर्श करना होगा।

उन्होंने कहा कि इस समय जिसके भी पास ‘इनरलाइन’ परमिट होता है वह नाभीढांग तक जा सकता है और उसके आगे जाने के लिए सेना ही अनुमति दे सकती है।

सिंह ने हालांकि कहा कि इस विषय में वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह ले रहे हैं।

जोशी ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि कैलाश दर्शन के इच्छुक तीर्थयात्रियों को हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ शहर तक लाया जाए और वहां से वे निजी वाहनों से धारचूला, गुंजी और पुराने लिपुलेख दर्रे तक जाएं, जिससे व्यास और दारमा घाटी के युवाओं के लिए ज्यादा से ज्यादा आजीविका के अवसर सृजित हो।

भाषा सं दीप्ति जितेंद्र

जितेंद्र


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