उत्तराखंड में महिलाओं और युवाओं के लिए बिहार की तर्ज पर प्रत्यक्ष लाभ योजना लाने की तैयारी
उत्तराखंड में महिलाओं और युवाओं के लिए बिहार की तर्ज पर प्रत्यक्ष लाभ योजना लाने की तैयारी
देहरादून, आठ दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तराखंड इकाई के प्रमुख महेंद्र भट्ट ने कहा है कि राज्य सरकार बिहार की तर्ज पर महिलाओं और युवाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ योजना ला सकती है।
विपक्षी कांग्रेस ने राज्य में 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना को महिलाओं और युवाओं को साधने की कवायद बताया और इस पर सख्त आपत्ति जताते हुए इसे ‘चुनावी रिश्वत’ करार दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने संकेत दिया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य की बजट व्यवस्था और जरूरतों के आधार पर प्रत्यक्ष लाभ योजना की दिशा में जल्द महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं।
भट्ट ने दावा किया कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए भाजपा सरकार लगातार काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “महिलाओं को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया गया है, महिला सहायता समूहों को शून्य ब्याज दर पर कर्ज दिया जा रहा है। राज्य की प्रगति में महिलाओं का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है, और आगे भी उनके हित में नई पहल शुरू की जाएंगी।”
उनके अनुसार, मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार से भी बातचीत की है ताकि ऐसी योजनाएं लागू की जा सकें जिनसे विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो।
राज्य सरकार के इस प्रस्तावित कदम को विपक्ष कांग्रेस ने ‘चुनावी रिश्वत’ बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि भाजपा चुनाव से ठीक पहले लाभ बांटकर मतदाताओं को प्रभावित करना चाहती है।
गोदियाल ने कहा, “प्रत्यक्ष लाभ योजना वह होती है जो पूरे पांच साल चले। चुनाव के वक़्त दिया गया लाभ योजना नहीं, बल्कि रिश्वत होती है। बिहार और उत्तराखंड की तुलना नहीं की जा सकती। हमें उम्मीद है कि नागरिक, योजना और रिश्वत में फर्क समझेंगे।”
उन्होंने कहा कि असली योजना वह होती है जिसमें कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बिना सिफारिश के लाभ पा सके, न कि मतदान से पहले लाभ बांटकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश हो।
हालांकि कांग्रेस की आलोचना को भट्ट ने खारिज करते हुए कहा कि विपक्ष के पास करने के लिए कुछ नहीं है इसलिए वह विकास और जनहित से जुड़ी योजनाओं का विरोध कर रहा है।
भट्ट ने कहा, “हम जो भी योजना लाएंगे वो राज्य हित में होगी। कांग्रेस को हर अच्छे काम का विरोध करने की आदत है। उनके आरोपों पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।”
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2027 की शुरुआत में होने हैं।
भाषा सिम्मी नोमान नरेश
नरेश

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