PM Modi Vande Mataram Speech: ‘ऐसा लगता है कि वंदेमातरम् इन लोगों ने ही बनाया है’, सदन में जमकर गरजे अखिलेश यादव, बीजेपी पर बोला हमला
PM Modi Vande Mataram Speech: 'ऐसा लगता है कि वंदेमातरम् इन लोगों ने ही बनाया है', सदन में जमकर गरजे अखिलेश यादव, बीजेपी पर बोला हमला
PM Modi Vande Mataram Speech
- अखिलेश यादव ने वंदे मातरम् को देशभक्ति और ऊर्जा का प्रतीक बताया
- सत्ता पक्ष पर कब्जे और विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाया
- वंदे मातरम् को संविधान से जुड़ा गीत बताते हुए इसे थोपने से बचने की बात कही
नई दिल्ली: PM Modi Vande Mataram Speech समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश स्थित कन्नौज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद अखिलेश यादव ने वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर आहूत चर्चा में हिस्सा लिया। इस दौरान वह सत्ता पक्ष पर जमकर हमलावार रहे। उन्होंने कहा कि हमारे सत्तापक्ष के लोग हर चीज पर कब्जा करना चाहते हैं। जिस समय बीजेपी का गठन हो रहा था उस समय आपके अध्यक्ष जो चुने गए थे, उनको जो भाषण देना था उसपर भी बहस थी कि बीजेपी सेक्युलर रास्ते पर जाएगी या नहीं। तमाम विरोध के बाद उस समय के उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष ने वही रास्ता अपना था, समाजवादी आंदोलन, समाजवादी विचारधारा। यही नहीं। उनके मंच पर जयप्रकाश तस्वीर लगाकर भ्रम फैलाने की कोशिश की गई कि वे उनके रास्ते पर चलेंगे।
PM Modi Vande Mataram Speech यादव ने कहा कि सच तो ये है कि ये सरफरोश लोग ‘वंदेमातरम्’ दिल से बोलते थे। उन आजादी के दीवानों के खिलाफ कुछ लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी और मुखबिरी का भी काम करते थे। दरअसल ये राष्ट्रवादी नहीं बल्की राष्ट्र विवादित लोग है। अंग्रेज बंटवारा करते थे। आज भी वही रास्ता कुछ लोग अपना रहे हैं। दरारवादी रास्ता अपना रहे हैं। इनका इतिहास खंगाला जाए तो इन्होंने आजादी के पहले और बाद में वंदेमातरम् क्यों नहीं गाया। आज जब हम वंदेमातरम् पर चर्चा कर रहे हैं तो यह भी बताया जाए कि कुछ लोगों ने वंदेमातरम् कब गाया। उन मुखबिरों से पूछा जाए कि स्वतंत्रता के बाद उन्होंने अपना गीत क्यों बनाया। य झूठे राष्ट्रवादियों के लिए नहीं है। जो पेंटिंग कभी बंगाल के महान लोगों ने बनाई थी। वंदेमातरम् के रूप में हमारे अंदर बसा है। यह सच्चे भारतीय के अंदर देशभक्ति की भावना जगाने के लिए दो शब्द ही काफी हैं जो इस वंदे मातरम् से हमें मिलते है।
अखिलेश यादव ने कहा, इनका इतिहास खंगाल लीजिए। चुनावी सभा में कभी ये लोग बाबासाहेब की तस्वीर नहीं लगाते थे। यह केवल गीत नहीं है, यह गीत के साथ-साथ हमें ऊर्जा भी देता है। उस समय क्रांतिकारियों को ऊर्जा मिलती थी। हम सबको साथ लेकर चल रहे थे. देश के सभी लोग एक साथ मिलकर वंदेमातरम् के सहारे अंग्रेजों को हराने की पूरी कोशिश की। जब देश जागा तो वंदेमातरम् के साथ इंकलाब जिंदाबाद का भी नारा लगाया गया। यह संविधान से मिला हुआ गीत है इसलिए ना इसे किसी पर थोपने की कोशिश की जाए और ना ही दबाव बनाने की कोशिश करें।
“सच यह है कि सरफरोश लोग वंदे मातरम् दिल से बोलते थे। उन आजादी के दिवानों के खिलाफ कुछ लोग अंग्रेजों के लिए जासूसी और मुखबिरी का काम भी करते थे। दरअसल, ये ‘राष्ट्रवादी’ नहीं, बल्कि ‘राष्ट्र-विवादी’ लोग हैं…”
– अखिलेश यादव pic.twitter.com/zhtO1YIx0K
— Lutyens Media (@LutyensMediaIN) December 8, 2025

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