नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) एक अध्ययन में कहा गया है कि ‘चेतावनी सूचक’ मामूली रूप से अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों के उपभोग पर रोक लगा सकते हैं।
भोज्य पदार्थों के बारे में सुविचारित निर्णय लेने को बढ़ावा देने में डिब्बों/पैकेटों पर पोषण विवरण के विभिन्न प्रारूपों की स्वीकार्यता एवं संभावित उपयोग पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)- राष्ट्रीय पोषण संस्थान (एनआईएन) द्वारा कराये गये अध्ययन में यह बात कही गयी है।
अध्ययन से यह भी पता चला है कि “हेल्थ स्टार” या “न्यूट्री-स्कोर” जैसी “सारांश रेटिंग” उपलब्ध खाद्य पदार्थों के बीच स्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थोंन की पहचान करने में मदद कर सकती है।
“सारांश सूचक” उत्पाद की प्रमुख विशेषताओं और लाभों का एक संक्षिप्त अवलोकन प्रदान करते हैं, जिसमें अक्सर सकारात्मक और नकारात्मक पोषक तत्वों के बारे में जानकारी शामिल होती है। दूसरी ओर, “चेतावनी सूचक” किसी उत्पाद से जुड़े संभावित खतरों के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं क्योंकि वे शर्करा, वसा और नमक जैसे पोषक तत्वों को ध्यान में रखते हैं।
फ्रंट-ऑफ-पैकेज लेबलिंग (एफओपीएल) को आमतौर पर स्वास्थ्य के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य संचार के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में देखा जाता है। एफओपीएल के विभिन्न प्रारूप विभिन्न देशों में स्वेच्छा से या अनिवार्य तौर पर उपयोग में हैं।
भाषा जितेंद्र राजकुमार
राजकुमार
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