बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कांग्रेस का वादा क्या मुस्लिम मतों को लामबंद करने की रणनीति थी ?

बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का कांग्रेस का वादा क्या मुस्लिम मतों को लामबंद करने की रणनीति थी ?

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  • Publish Date - May 15, 2023 / 08:54 PM IST,
    Updated On - May 15, 2023 / 08:54 PM IST

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं ने कहा है कि बजरंग दल को प्रतिबंधित करने का वादा चुनावी घोषणापत्र में जानबूझकर शामिल किया गया था।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस वादे का मकसद मुस्लिम मतों को अपने पक्ष में लामबंद करना था?

कांग्रेस के घोषणापत्र समिति में शामिल नेताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मुद्दे को आखिरी मिनट पर घोषणापत्र में डाला गया, ताकि भाजपा इसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना सके।

पार्टी ने गत दो मई को जारी अपने घोषणापत्र में कहा था, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र है। कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, वे कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते। हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस विषय को लेकर चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा।

कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के सदस्य रहे एक नेता का कहना है कि बजरंग दल वाली बात जानबूझकर डाली गई, जिसका बाद में चुनावी लाभ मिला।

कर्नाटक में कुल आबादी का 13 प्रतिशत मुसलमान हैं।

कांग्रेस के एक नेता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने घोषणापत्र का दो सेट तैयार किया था। एक को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अप्रैल के पहले सप्ताह में दिया गया और दूसरे को पहले घोषणापत्र के एक सप्ताह बाद तैयार किया गया।’’

राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं।

भाषा हक हक दिलीप

दिलीप