ईडी के छापे के बाद प्रोबो ने कहा: हम धनशोधन जांच में कर रहे हैं ‘सहयोग’

ईडी के छापे के बाद प्रोबो ने कहा: हम धनशोधन जांच में कर रहे हैं ‘सहयोग’

ईडी के छापे के बाद प्रोबो ने कहा: हम धनशोधन जांच में कर रहे हैं ‘सहयोग’
Modified Date: July 10, 2025 / 07:18 pm IST
Published Date: July 10, 2025 7:18 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) ऑनलाइन मंच ‘प्रोबो’ ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ सहयोग कर रहा है, जिसने हाल में सट्टेबाजी से जुड़े एक अवैध धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में उसके परिसरों पर छापेमारी की थी।

प्रोबो ने कहा कि वह जरूरी कानूनों एवं विनियमों का पालन करता है।

निदेशालय ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि उसने हरियाणा स्थित ‘प्रोबो मीडिया टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड’ की 284 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सावधि जमा (की निकासी) और शेयर के विनिमय पर रोक लगा दी है क्योंकि वह एवं उसके प्रवर्तक इंटरनेट-आधारित मंच के माध्यम से ‘जुआ/सट्टेबाजी’ की गतिविधियां चला रहे थे।

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यह कंपनी प्रोबो नाम से एक मोबाइल ऐप और एक वेबसाइट संचालित करती थी।

प्रोबो के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये एक बयान कहा, ‘‘हालिया घटनाक्रमों के मद्देनजर, हम सभी हितधारकों और जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रोबो मौजूदा जांच में कानून प्रवर्तन अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है।’’

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘भारत के डिजिटल परिदृश्य में एक प्रारंभिक-परंतु-परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी अग्रदूत के रूप में, हमें विश्वास है कि अनुपालन और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमें इस प्रक्रिया में और मजबूती से उभरने में मदद करेगी।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी को ‘भारत के मज़बूत नियामक ढांचे और जिम्मेदार तकनीकी नवाचार के उसके दृष्टिकोण पर पूरा भरोसा है।’’

धनशोधन का यह मामला कंपनी और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ हरियाणा के गुरुग्राम और पलवल तथा उत्तर प्रदेश के आगरा में दर्ज कई पुलिस प्राथमिकियों पर आधारित है।

ईडी ने इस सप्ताह के आरंभ में हरियाणा के गुरुग्राम और जींद में कंपनी और उसके प्रवर्तकों– सचिन सुभाषचंद्र गुप्ता और आशीष गर्ग के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी।

जांच एजेंसी ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने पुलिस को बताया कि उनके साथ ‘ठगी’ हुई है और उन्हें ‘बेईमानी’ तरीके से ‘हां या ना’ जैसे आसान सवालों के ज़रिए पैसा कमाने की योजना पेश की गई, जबकि असल में यह योजना खिलाड़ियों को ज़्यादा रिटर्न की उम्मीद में ज़्यादा निवेश करने का लालच देकर ‘जुआ’ को बढ़ावा देती है।

उसने आरोप लगाया कि प्रोबो मंच पर उपलब्ध खेलों के विश्लेषण से पता चलता है कि उनका उत्तर ‘हां या नहीं’ में दिया जा सकता है और इसलिए, केवल दो संभावित परिणाम हैं जो इसे जुए/सट्टेबाजी से ‘अविभेद्य’ बनाता है, जिसके परिणामस्वरूप उपयोगकर्ताओं की मेहनत की कमाई का ‘नुकसान’ होता है।

भाषा राजकुमार रंजन

रंजन

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