हमें चीन के साथ सीमा वार्ता के हर दौर में अनुकूल परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए: सेना प्रमुख

हमें चीन के साथ सीमा वार्ता के हर दौर में अनुकूल परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए: सेना प्रमुख

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  • Publish Date - October 21, 2021 / 11:09 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत को सीमा मुद्दों को सुलझाने के लिए चीन के साथ होने वाली हर दौर की बातचीत में अनुकूल परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘(सीमा वार्ता के दौरान भारत और चीन के बीच) टकराव वाले के 4-5 बिंदु थे और हमने एक को छोड़कर सभी को हल कर लिया है। मुझे यकीन है कि वार्ता के कुछ और दौर में – मैं एक निश्चित आंकड़ा नहीं दे सकता कि एक और या दो और, हम आगे बढ़ने पर इन मुद्दों को भी हल करने में सक्षम होंगे।’’

इस महीने की शुरुआत में, भारत और चीन 13वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले शेष बिंदुओं में 17 महीने के गतिरोध को हल करने में कोई प्रगति करने में विफल रहे।

यहां एक रक्षा सम्मेलन में सेना प्रमुख ने कहा कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर स्थिति लगभग एक साल पहले की तुलना में अब बेहतर और अधिक स्थिर है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हुई है और उन वार्ताओं के परिणामस्वरूप, हम काफी हद तक सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के संबंध में सहमति बनाने में सफल रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं जो कहना चाहता हूं, वह यह है कि हमें हर दौर की बातचीत में अनुकूल परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हमेशा ही कुछ बातों पर सहमति बनती है तो कुछ पर मतभेद होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब तक हम बात करते रहेंगे, हम उन मतभेदों को दूर करने में सक्षम होंगे तथा एक-दूसरे करीब करीब आएंगे और सभी मुद्दों को हल करेंगे।’’

जनरल नरवणे ने कहा कि चीन के साथ बातचीत राजनीतिक स्तर पर, राजनयिक स्तर पर और सैन्य स्तर पर हो रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि हम एक संतोषजनक संकल्प के साथ आने में सक्षम होंगे। और जब मैं संतोषजनक कहता हूं, तो यह दोनों पक्षों के लिए संतोषजनक होना चाहिए और मुझे विश्वास है कि ऐसा जल्द ही होगा।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना एक पल के लिए भी अपनी निगरानी और सुरक्षा को कम नहीं कर रही है या यह कल्पना नहीं कर रही है कि भविष्य में हालात और खराब नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा यह उम्मीद है कि सभी मतभेदों को बातचीत और चर्चा के माध्यम से हल किया जा सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम हमेशा अपनी सीमाओं की रक्षा करने और अपनी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने के लिए तैयार हैं।’’

भाषा

देवेंद्र राजकुमार

राजकुमार