कृषि क़ानूनों की कॉपियां जलाकर मनाएंगे लोहड़ी, अड़े रहेंगे कानून वापसी तक, किसान नेताओं का ऐलान

कृषि क़ानूनों की कॉपियां जलाकर मनाएंगे लोहड़ी, अड़े रहेंगे कानून वापसी तक, किसान नेताओं का ऐलान

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  • Publish Date - January 3, 2021 / 01:30 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

नई दिल्ली: मोदी सरकार के नए कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर किसानों का जत्थ पिछले 37 दिनों से डटा हुआ है। पंजाब, हरियाणा सहित कई राज्यों किसान कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। हालांकि बीते दिनों हुई बैठक में सरकार और किसानों के बीच दो कानून पर सहमति बन गई है और आगले दौर की बैठक के लिए 4 जनवरी को बुलाया गया है। इसी बीच किसानां का बड़ा बयान सामने आया है।

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किसान नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि 13 जनवरी को हम कृषि क़ानूनों की कॉपियां जलाकर लोहड़ी के त्योहार को मनाएंगे। 6-20 जनवरी के बीच देशभर में किसानों के पक्ष में धरना-प्रदर्शन, मार्च आदि आयोजित किए जाएंगे। 23 जनवरी को आज़ाद हिन्द किसान दिवस मनाया जाएगा। किसान नेता हरमीत सिंह ने कहा है कि हम सरकार के साथ कल की बैठक में 3 फार्म कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे, यहां बारिश हो रही है, इसलिए हम जलरोधी टेंट प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। हम महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कंबल और गर्म पानी की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं। आज संगरूर में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। हम इसकी निंदा करते है। हम पंजाब सरकार को अवगत कराते हैं कि आपने अगर किसानों पर लाठीचार्ज बंद नहीं किए तो उनके खिलाफ पंजाब में मोर्चा खोला जाएगा।

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किसान नेता नेता ओंकार सिंह ने कहा है कि आज 37 वां दिन है, सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, हम वापस नहीं जाएंगे। यह निराशाजनक है कि किसान अपनी जान गंवा रहे हैं। कई किसान ठंड को दूर कर रहे हैं, फिर भी सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है।

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किसान नेता जंगवीर सिंह ने कहा है कि गन्ना दर पर एक मांग पत्र हमने पंजाब सरकार को दिया था, लेकिन 1.5 महीने बीत चुके हैं और पंजाब सरकार ने जवाब नहीं दिया है। पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि 1 सप्ताह के भीतर अधिसूचना जारी की गई थी। इस मामले को लेकर हम पंजाब सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द संज्ञान लें।

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