गरीबों का कल्याण कभी ‘मुफ्त की सौगात’ नहीं होती : टीआरएस नेता

गरीबों का कल्याण कभी ‘मुफ्त की सौगात’ नहीं होती : टीआरएस नेता

गरीबों का कल्याण कभी ‘मुफ्त की सौगात’ नहीं होती : टीआरएस नेता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: August 9, 2022 8:33 pm IST

हैदराबाद, नौ अगस्त (भाषा) मुफ्त की संस्कृति पर चल रही बहस के बीच तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की विधान पार्षद (एमएलसी) कविता कल्वाकुंतला ने मंगलवार को कहा कि समाज के गरीब तबके का कल्याण ‘‘मुफ्त की सौगात’’ नहीं है।

कविता ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं जारी रहनी चाहिए। कविता ने कहा कि यह राज्य और केंद्र की निर्वाचित सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह गरीबों का ख्याल रखे।

उन्होंने कहा कि तेलंगाना की टीआरएस सरकार करीब 250 कल्याणकारी योजनाएं चलाती है।

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उन्होंने रेखांकित किया कि अब कल्याणकारी योजना को ‘‘मुफ्त की सौगात’’ का तमगा देने की परिपाटी चल पड़ी है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र, राज्य सरकार पर इन योजनाओं को बंद करने का दबाव बना रहा है।

यहां जारी बयान में मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा, ‘‘टीआरएस इसका विरोध करती है, क्योंकि गरीब लोगों का कल्याण सरकार की जिम्मेदारी है और जिस तरह से आज पूरे देश में माहौल बनाया जा रहा है कि कल्याण मुफ्त की सौगात है, सही नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपयों का कर्ज माफ करना वास्तव में मुफ्त की सौगात है।

कविता ने कहा, ‘‘मेरा मनना है कि मुफ्त की सौगात वह है जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने अब किया है, उसने फर्जीवाड़ा करने वाली एजेंसियों के 10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया है।यह मुफ्त की सौगात है।गरीबों का कल्याण मुफ्त की सौगात नहीं हो सकती। यह हमारी सामजिक जिम्मेदारी है और सरकार की भी।’’

भाषा धीरज रंजन

रंजन


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