जब सेक्स वर्कर को है ना कहने का अधिकार, तो पत्नी को क्यों नहीं? हाईकोर्ट का गंभीर सवाल
दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार पर याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए कई गंभीर कमेंट किया है। कोर्ट ने कहा कि जब सेक्स वर्कर को सेक्स के लिए मना करने का अधिकार है तो पत्नी क्यों नहीं मना कर सकती।
sex worker right to say no
sex worker right to say no
नईदिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने वैवाहिक बलात्कार पर याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करते हुए कई गंभीर कमेंट किया है। कोर्ट ने कहा कि जब सेक्स वर्कर को सेक्स के लिए मना करने का अधिकार है तो पत्नी क्यों नहीं मना कर सकती। न्यायमूर्ति राजीव शकधर और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद को हटाने संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
हमारे 𝕎𝕙𝕒𝕥‘𝕤 𝕒𝕡𝕡 Group’s में शामिल होने के लिए यहां Click करें.
न्यायमूर्ति शकधर ने कहा कि बलात्कार कानून एक यौनकर्मी के साथ जबरन संभोग के मामले में कोई छूट नहीं देता है। उन्होंने कहा, ‘हमारी अदालतें यहां तक कह चुकी हैं कि वह किसी भी स्तर पर ना कह सकती हैं। ऐसे में क्या किसी पत्नी को इससे निचले स्तर पर रखा जा सकता है?”
read more: आसाराम बापू के आश्रम में विस्फोट, एक की मौत, चार अन्य गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
न्याय मित्र राज शेखर राव ने कहा कि एक विवाहित महिला को गैर-सहमति से संबंध बनाने के खिलाफ कम सुरक्षा देने का कोई कारण नहीं बनता है। उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि उन्हें विभिन्न तबकों से सुझाव मिले हैं। हालांकि, जस्टिस शंकर ने कहा कि वैवाहिक संबंध के मामले में सेक्स एक सेक्स वर्कर की तरह नहीं है।
sex worker right to say no
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अधिकांश तर्क कानून के बजाय आक्रोश पर थे और राव को कानूनी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, “हम एक अदालत हैं। हमें केवल पत्नियों का गुस्सा और दुर्दशा दिखाकर इसे कम नहीं करना चाहिए, बल्कि हमें कानूनी पहलुओं को भी देखना होगा।”
read more: छत्तीसगढ़: इस जिले में सुबह से हो रही बारिश, प्रदेश में खराब मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता
इस बीच केंद्र ने गुरुवार को उच्च न्यायालय को बताया कि वह वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मुद्दे पर एक रचनात्मक दृष्टिकोण पर विचार कर रहा है। केंद्र ने राज्य सरकारों, भारत के मुख्य न्यायाधीश, सांसदों और अन्य से पूरे आपराधिक कानून में व्यापक संशोधन पर सुझाव मांगे हैं।
आप भी मकान लेने की सोच रहे है तो क्लिक करें>https://forms.gle/as7rp5ewNoyJ6xJr7

Facebook



