संघवाद के सिद्धांतों से जब भी समझौता हुआ, कर्नाटक ने आवाज उठाई: राज्यपाल थावरचंद गहलोत

संघवाद के सिद्धांतों से जब भी समझौता हुआ, कर्नाटक ने आवाज उठाई: राज्यपाल थावरचंद गहलोत

संघवाद के सिद्धांतों से जब भी समझौता हुआ, कर्नाटक ने आवाज उठाई: राज्यपाल थावरचंद गहलोत
Modified Date: January 26, 2025 / 01:19 pm IST
Published Date: January 26, 2025 1:19 pm IST

बेंगलुरु, 26 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने संविधान के साथ-साथ सहकारी संघवाद में विश्वास रखने की आवश्यकता पर रविवार को जोर दिया।

गहलोत ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर अपने भाषण में भारतीय संविधान और इसकी सुरक्षा की आवश्यकता का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी संविधान में निहित संघवाद के सिद्धांतों के साथ समझौता किया गया, कर्नाटक सरकार ने अपनी आवाज उठाई।

उन्होंने कहा कि संविधान अपने पहले ही अनुच्छेद में भारत को राज्यों का संघ घोषित करता है।

 ⁠

गहलोत ने कहा कि संविधान संघ और राज्यों के बीच संप्रभु शक्ति को विभाजित करता है।

राज्यपाल ने सैम मानेकशॉ परेड ग्राउंड से राज्य के लोगों को संबोधन करते हुए कहा, ‘‘कर्नाटक सरकार संघ के सिद्धांतों की परंपरा को बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उसने संविधान के आदर्शों के अनुसार देश के विकास में योगदान दिया है।’’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय गणतंत्र की असली ताकत विविधता में एकता, लोकतांत्रिक संस्थाओं के परिस्थितियों के अनुसार ढलने और संविधान में निहित मूल्यों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता में निहित है।

भाषा

सिम्मी प्रशांत

प्रशांत


लेखक के बारे में