शक होने पर ईडी किसी से पूछताछ क्यों नहीं कर सकती : केरल उच्च न्यायालय ने पूछा

शक होने पर ईडी किसी से पूछताछ क्यों नहीं कर सकती : केरल उच्च न्यायालय ने पूछा

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  • Publish Date - August 11, 2022 / 04:54 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

कोच्चि, 11 अगस्त (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता थॉमस इसाक से पूछा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अगर किसी पर शक है तो वह उससे पूछताछ क्यों नहीं कर सकती।

अदालत ने हालांकि जांच एजेंसी को भी बताया कि किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति वी जी अरुण ने यह टिप्पणी इसाक की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसमें उन्होंने ईडी की तरफ से उन्हें जारी दो सम्मन को रद्द करने का अनुरोध किया था। ईडी ने पूर्ववर्ती वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार में उनके वित्त मंत्री रहने के दौरान केरल अवसंरचना निवेश निधि बोर्ड (केआईआईएफबी) में वित्तीय लेनदेन में हुई कथित गड़बड़ी के मामले में उन्हें सम्मन जारी किया था।

सुनवाई के दौरान, अदालत ने इसाक से पूछा कि अगर ईडी को कोई संदेह है तो वह उनसे पूछताछ क्यों नहीं कर सकती और एजेंसी द्वारा क्या किसी व्यक्ति को संदिग्ध के बजाए गवाह के तौर पर नहीं बुलाया जा सकता।

सवालों के जवाब में इसाक की तरफ से पेश हुए वकील ने अदालत को बताया कि ईडी को सिर्फ यह संदेह है कि क्या उनसे पूछताछ होनी चाहिए और कहा कि माकपा नेता के साथ संदिग्ध सरीखा व्यवहार किया जा रहा है।

वकील ने कहा कि ईडी ने अपने समन में स्पष्ट नहीं किया है कि इसाक ने क्या गड़बड़ी की थी और एक नोटिस में उसने (एजेंसी ने) उनसे सिर्फ उनके निजी मामलों के बारे में पूछा है।

इसाक ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि सिर्फ इसलिए कि वह केआईआईएफबी के पूर्व प्रमुख और वर्तमान में इसके पदेन सदस्य हैं, एजेंसी को उनसे पूछताछ करने या उनकी व्यक्तिगत जानकारी या विवरण मांगने का कोई अधिकार नहीं है।

उनकी दलीलों पर ध्यान देते हुए अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति की निजता का उल्लंघन नहीं किया जा सकता है और प्रवर्तन निदेशालय से पूछा कि वह किस आधार पर उनका व्यक्तिगत विवरण मांग रहा है।

एजेंसी की ओर से पेश वकील ने कहा कि जांच अधिकारी ने वो दस्तावेज मांगे जो उन्हें लगा कि जांच के लिए जरूरी है, और यह ईडी का विशेषाधिकार है।

उन्होंने यह भी कहा कि फिलहाल ईडी ने केवल सम्मन जारी किया है और इसाक को जांच में सहयोग करना चाहिए।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने इस मामलो को आगे विचार के लिये 17 अगस्त को सूचीबद्ध किया।

भाषा प्रशांत माधव

माधव