औद्योगिक विकास निकाय ने नदी की सफाई संबंधी एनजीटी आदेश को चुनौती क्यों दी : उच्चतम न्यायालय

औद्योगिक विकास निकाय ने नदी की सफाई संबंधी एनजीटी आदेश को चुनौती क्यों दी : उच्चतम न्यायालय

औद्योगिक विकास निकाय ने नदी की सफाई संबंधी एनजीटी आदेश को चुनौती क्यों दी : उच्चतम न्यायालय
Modified Date: November 7, 2025 / 06:24 pm IST
Published Date: November 7, 2025 6:24 pm IST

नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राजस्थान सरकार से सवाल किया कि राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम ने प्रदूषित जोजरी नदी की सफाई संबंधी एनजीटी आदेश को क्यों चुनौती दी है।

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको), पाली और बालोतरा नगर परिषदें तथा नगर निगम जोधपुर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के फरवरी 2022 के आदेश के खिलाफ अपनी-अपनी अपील जारी रखना चाहते हैं।

एनजीटी ने यह आदेश तीन नदियों – लूनी, बांडी और जोजरी में प्रदूषण से संबंधित एक मामले में पारित किया था।

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उच्चतम न्यायालय जोजरी नदी में प्रदूषण को लेकर स्वतः संज्ञान लिए गए एक मामले की सुनवाई कर रहा था। रीको और इन नगर निकायों द्वारा दायर अपीलें भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थीं।

पीठ ने राजस्थान की ओर से पेश हुए वकील से पूछा, ‘‘रीको ने अपील क्यों किया है? ये प्रदूषण को दूर करने के निर्देश हैं और रीको इसका विरोध करना चाहता है।’’

राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि एनजीटी के आदेश में रीको को दो करोड़ रुपये का पर्यावरण मुआवज़ा देने का निर्देश दिया गया है। वकील ने कहा, ‘‘मुझे एक हफ़्ते का समय दीजिए। मुझे एक प्रस्तावित कार्ययोजना और वर्तमान स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने दीजिए।’’

पीठ ने कहा, ‘‘पता करें कि क्या नगर परिषदें और रीको इन अपीलों को जारी रखना चाहते हैं।’’ राज्य के वकील ने कहा कि वह निर्देश लेकर अदालत को इससे अवगत कराएंगे।

पीठ ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि राज्य के वकील ने इस मामले में, विशेष रूप से इस बारे में निर्देश लेने के लिए एक हफ़्ते का समय मांगा है कि क्या रीको और नगर परिषद पाली, नगर निगम जोधपुर और नगर परिषद बालोतरा अपनी अपील को जारी रखना चाहते हैं।’’

मामले में अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।

राजस्थान के वकील ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने की अनुमति मांगी क्योंकि 2022 से इस मामले में काफी प्रगति हुई है। पीठ ने कहा कि राज्य स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर सकता है।

भाषा अविनाश माधव

माधव


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