‘सांप्रदायिक टिप्पणी करने वाले’ न्यायाधीश के खिलाफ नोटिस पर धनखड़ ने कदम क्यों नहीं उठाया: सिब्बल

‘सांप्रदायिक टिप्पणी करने वाले’ न्यायाधीश के खिलाफ नोटिस पर धनखड़ ने कदम क्यों नहीं उठाया: सिब्बल

‘सांप्रदायिक टिप्पणी करने वाले’ न्यायाधीश के खिलाफ नोटिस पर धनखड़ ने कदम क्यों नहीं उठाया: सिब्बल
Modified Date: June 10, 2025 / 03:28 pm IST
Published Date: June 10, 2025 3:28 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जून (भाषा) राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पिछले साल ‘‘पूरी तरह से सांप्रदायिक’’ टिप्पणी करने के बावजूद केंद्र सरकार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव को बचाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने सवाल किया कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने न्यायाधीश यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए दिए गए नोटिस पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया?

वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि पूरे मामले में ‘‘पक्षपात’’ की बू आती है क्योंकि एक तरफ राज्यसभा के महासचिव ने भारत के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा कि यादव के खिलाफ आंतरिक जांच को आगे न बढ़ाएं क्योंकि उच्च सदन में उनके खिलाफ एक याचिका लंबित है, जबकि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले में उन्होंने ऐसा नहीं किया।

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सिब्बल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और जब संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति, जो पदानुक्रम में दूसरे नंबर पर है, छह महीने में संवैधानिक दायित्वों को पूरा नहीं करता है तो सवाल उठना लाजमी है।

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘13 दिसंबर, 2024 को हमने राज्यसभा के सभापति को महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था। इस पर 55 सांसदों के हस्ताक्षर थे। छह महीने बीत गए, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।’’

सिब्बल ने कहा, ‘‘मैं उन लोगों से पूछना चाहता हूं जो संवैधानिक पदों पर बैठे हैं, उनकी जिम्मेदारी केवल यह सत्यापित करना है कि हस्ताक्षर हैं या नहीं? क्या इसमें छह महीने लगने चाहिए?’’

उन्होंने कहा कि एक और सवाल उठता है कि क्या यह सरकार ‘‘पूरी तरह से सांप्रदायिक’’ टिप्पणी करने वाले शेखर यादव को बचाने की कोशिश कर रही है।

भाषा हक

हक मनीषा

मनीषा


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