Women’s Reservation Bill: महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण, नई लोकसभा भवन में महिला आरक्षण बिल पेश, जानें इस अधिनियम की बड़ी बातें

nari shakti vandan adhiniyam 2023: इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।

Women’s Reservation Bill: महिलाओं को मिलेगा 33 फीसदी आरक्षण, नई लोकसभा भवन में महिला आरक्षण बिल पेश, जानें इस अधिनियम की बड़ी बातें

Women's Reservation Bill:

Modified Date: September 19, 2023 / 04:00 pm IST
Published Date: September 19, 2023 3:59 pm IST

Women’s Reservation Bill: नईदिल्ली। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया गया है। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया, इससे महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा में 33% आरक्षण मिलेगा। नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल पेश किया, पहला ही बिल महिला आरक्षण से जुड़ा है। इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है।

बिल की बड़ी बातें

— इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। इसका मतलब ये हुआ कि अब लोकसभा और विधानसभा में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।

– लोकसभा में इस समय 82 महिला सदस्य हैं, इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें महिलाएं के लिए रिजर्व हो जाएंगी।

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– इस बिल में संविधान के अनुच्छेद- 239AA के तहत राजधानी दिल्ली की विधानसभा में भी महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है, यानी, अब दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रहेंगी।

– सिर्फ लोकसभा और दिल्ली विधानसभा ही नहीं, बल्कि बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा।

– इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण 15 साल के लिए मिलेगा, 15 साल बाद महिलाओं को आरक्षण देने के लिए फिर से बिल लाना होगा।

nari shakti vandan adhiniyam 2023

एससी-एसटी महिलाओं के लिए क्या?

– एससी-एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा, आरक्षण की ये व्यवस्था आरक्षण के भीतर ही की गई है। यानी, लोकसभा और विधानसभाओं में जितनी सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, उन्हीं में से 33% सीटें महिलाओं के लिए होंगी।

– इसे ऐसे समझिए कि इस समय लोकसभा में 84 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं, बिल के कानून बनने के बाद 84 एससी सीटों में से 28 सीटें एससी महिलाओं के लिए रिजर्व होंगी, इसी तरह 47 एसटी सीटों में से 16 एसटी महिलाओं के लिए होंगी।

ओबीसी महिलाओं के लिए क्या?

– लोकसभा में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, एससी-एसटी की आरक्षित सीटों को हटा देने के बाद लोकसभा में 412 सीटें बचती हैं।

– इन सीटों पर ही सामान्य के साथ-साथ ओबीसी के उम्मीदवार भी लड़ते हैं, इस हिसाब से 137 सीटें सामान्य और ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए होंगी।

क्या अनारक्षित सीटों पर नहीं लड़ सकेंगी महिलाएं?

– ऐसा नहीं है, जो सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं होंगी, वहां से भी महिलाएं चुनाव लड़ सकती हैं। इस बिल को इसलिए लाया गया है ताकि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ सके।

– बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में 181 सदस्य महिलाएं होंगी, इस समय सिर्फ 82 महिला सांसद ही हैं, लेकिन अगली बार से महिला सांसदों की संख्या कम से कम 181 तो होगी ही।

राज्यसभा में नहीं मिलेगा आरक्षण

राज्यसभा और जिन राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है, वहां महिला आरक्षण लागू नहीं होगा, अगर ये बिल कानून बनता है तो ये सिर्फ लोकसभा और विधानसभाओं पर ही लागू होगा।

कब से लागू होगा बिल?

अगर ये बिल कानून बन भी गया तो भी अभी इसे लागू होने में समय लगेगा, बताया जा रहा है कि परिसीमन के बाद ये कानून लागू होगा।

2026 के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन होना है, इस परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण लागू होगा। यानी, 2024 के लोकसभा चुनाव के समय ये कानून नहीं होगा।

संसद-विधानसभाओं में कितनी हैं महिलाएं?

संसद और अधिकतर विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 15 फीसदी से कम है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 19 विधानसभाओं में महिलाओं की भागीदारी 10 फीसदी से भी कम है।

मौजूदा लोकसभा में 543 सदस्यों में से महिलाओं की संख्या 78 है, जो 15 फीसदी से भी कम है, राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व लगभग 14 फीसदी है।

कई विधानसभाओं में महिलाओं की भीगीदारी 10 फीसदी से कम है, जिन विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से अधिक है।

बिहार (10.70 फीसदी), छत्तीसगढ़ (14.44 फीसदी), हरियाणा (10 फीसदी), झारखंड (12.35 फीसदी), पंजाब (11.11 फीसदी), राजस्थान (12 फीसदी), उत्तराखंड (11.43 फीसदी), उत्तर प्रदेश (11.66 फीसदी), पश्चिम बंगाल (13.70 फीसदी) और दिल्ली (11.43 फीसदी) है। गुजरात विधानसभा में 8.2 फीसदी महिला विधायक हैं जबकि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सिर्फ एक ही महिला विधायक है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com