WhatsApp ग्रुप में फर्जी खबर वायरल होने पर एडमिन भी होगा सदस्य के बराबर जिम्मेदार- होईकोर्ट

WhatsApp ग्रुप में फर्जी खबर वायरल होने पर एडमिन भी होगा सदस्य के बराबर जिम्मेदार- हाईकोर्ट

WhatsApp ग्रुप में फर्जी खबर वायरल होने पर एडमिन भी होगा सदस्य के बराबर जिम्मेदार- होईकोर्ट

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : March 3, 2022/1:14 pm IST

नई दिल्ली।  एक मामले की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि गलत खबरों को वायरल करने पर एडमिन भी उतना ज़िम्मेदार है, जितना सदस्य।

पढ़ें- देश का इकलौता मंदिर जहां जाना कुंवारों के लिए वरदान.. शादीशुदा पुरुषों के लिए है अभिशाप.. जानिए

इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक WhatsApp ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूपांतरित तश्वीर डाली गई थी, जिसपर आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसको चुनौती देते हुए याची ग्रुप एडमिन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस आपराधिक प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की थी।

पढ़ें- दहला देने वाली भविष्यवाणी..रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत पर पड़ सकता है बड़ा असर! 17 मार्च 2022 को इस राशि में प्रवेश करेगा राहु.. जानिए क्या होगा असर

इस मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईटी एक्ट के तहत WhatsApp ग्रुप एडमिन के खिलाफ दर्ज की गई आपराधिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है। ये आदेश न्यायमूर्ति मोहम्मद आलम ने दिया है। याचिका ग्रुप एडमिन मोहम्मद इमरान मलिक ने दाखिल की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की थी।

पढ़ें- ‘शारीरिक संबंध बनाने से मना करना क्रूरता के बराबर’.. पति सुंदर नहीं है कहकर मायके चली गई थी पत्नी.. हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला 

वहीं सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि याची ग्रुप का एडमिन है और वो उतना ही दोषी जितना ग्रुप का सदस्य है और वो अपराध के बराबर का भागीदार है। सुनवाई करते हुए कोर्ट माना है कि एडमिन भी गलत संदेशों के लिए ज़िमेदार है, इस आधार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।

पढ़ें- अब किसी भी राज्य की पुलिस नहीं रोकेगी गाड़ी, मिलेगी ऐसी नंबर प्लेट, देश भर में होगी मान्य

याची इमरान का कहना था कि वो WhatsApp ग्रुप का एडमिन है लेकिन प्रधानमंत्री की रूपांतरित तस्वीर ग्रुप के सदस्य निज़ाम आलम ने डाला है और ग्रुप के सदस्य के इस कृत्य के लिए दोषी नहीं हो सकता इसलिए उसके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया जाए।