जन्म दिन विशेष -कारपेंटर ,कुली ,कंडेक्टर से स्टार बने रजनीकांत
जन्म दिन विशेष -कारपेंटर ,कुली ,कंडेक्टर से स्टार बने रजनीकांत
एक्शन किंग रजनीकांत का आज जन्म दिन है देश भर से उन्हें बधाई के सन्देश मिल रहे हैं। एक ऐसा स्टार जो जमीन से जुड़ा हुआ है। जिसे आम लोगों के बीच रहने में अच्छा लगता है। यह कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी कि रजनीकांत ऐसे इंसान हें जिन्होंने फर्श से अर्श तक आने की कहावत को सत्य साबित कर दिया है। वे ऐसे स्टार हैं जिन्होंने पल पल संघर्ष किया है। जो कारपेंटर से कुली बने कुली से कंडक्टर और फिर एक कंडक्टर से विश्व के सबसे ज्यादा प्रसिद्ध सुपरस्टार। एक समय ऐसा भी था जब एक बेहतरीन अभिनेता होने के बावजूद उन्हें कई वर्षों तक नज़रंदाज़ किया जाता रहा पर उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं हारी| ये बात रजनीकांत के आत्मविश्वास को और विपरीत परिस्तिथियों में भी हार न मानने वाले जज्बे का परिचय देती है|
The enduring appeal of @superstarrajini #HBDSuperStarRajinikanthhttps://t.co/pFUZoevs5Y
— HT Entertainment (@htshowbiz) December 12, 2017
रजनीकांत का जीवन ही नहीं बल्कि फिल्मी सफ़र भी कई उतार चढ़ावों से भरा रहा है| जिस मुकाम पर आज रजनीकांत आज हैं उसके लिए उन्होंने बेहद परिश्रम किया है। रजनीकांत का जन्म 12 दिसम्बर 1950 को कर्नाटक के बैंगलोर में एक बेहद मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था| वे अपने चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे| उनका जीवन शुरुआत से ही मुश्किलों भरा रहा, मात्र पांच वर्ष की उम्र में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया था| पिता पुलिस में एक हवलदार थे और घर की माली स्तिथि ठीक नहीं थी| रजनीकांत ने युवावस्था में कुली के तौर पर अपने काम की शुरुआत की फिर वे बस कंडक्टर बन गए। आज उनके जन्म दिन के अवसर पर रजनीकांत की अपकमिंग फिल्म काला का दूसरा पोस्टर लॉन्च किया गया है
#Kaala second poster: @dhanushkraja shares new @superstarrajini pic on his birthdayhttps://t.co/aFs4C3bD8i pic.twitter.com/5ZsU0teF4Z
— HT Entertainment (@htshowbiz) December 12, 2017
जब वे कंडेक्टर थे तब ही अपने अंदाज़ से लोगो को प्रभावित कर लेते थे। महाराष्ट्रियन परिवार से होने के कारण उन्हें कला विरासत में मिली कंडेक्टरी करते करते वे कई मंचों पर नाटक करते थे। यही शौक उन्हें फिल्मो की ओर खींच लाया।लिहाज़ा उन्होंने अपना काम छोड़ कर चेन्नई के अद्यार फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला ले लिया| वहां इंस्टिट्यूट में एक नाटक के दौरान उस समय के मशहूर फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर की नज़र रजनीकांत पर पड़ी और वो रजनीकांत से इतना प्रभावित हुए कि वहीँ उन्हें अपनी फिल्म में एक चरित्र निभाने का प्रस्ताव दे डाला| फिल्म का नाम था अपूर्व रागांगल| रजनीकांत की ये पहली फिल्म थी पर किरदार बेहद छोटा होने के कारण उन्हें वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वे योग्य थे| लेकिन उनकी एक्टिंग की तारीफ़ हर उस इंसान ने की जिसकी नज़र उन पर पड़ी

रजनीकांत का फिल्मी सफ़र भी किसी फिल्म से कम नहीं| उन्होंने परदे पर पहले नकारात्मक चरित्र और विलेन के किरदार से शुरुआत की, फिर साइड रोल किये और आखिरकार एक हीरो के तौर पर अपनी पहचान बनाई.हालांकि रजनीकान्त, निर्देशक के. बालाचंदर को अपना गुरु मानते हैं पर उन्हें पहचान मिली निर्देशक एस.पी मुथुरामन की फिल्म चिलकम्मा चेप्पिंडी से इसके बाद एस.पी. की ही अगली फिल्म ओरु केल्विकुर्री में वे पहली बार हीरो के तौर पर अवतरित हुए| इसके बाद रजनीकांत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और दर्जनों हिट फिल्मों की लाइन लगा दी. बाशा, मुथू, अन्नामलाई, अरुणाचलम, थालाप्ति उनकी कुछ बेहेतरीन फिल्मों में से एक हैं.

रजनीकांत ने यह साबित कर दिया की उम्र केवल एक संख्या है और अगर व्यक्ति में कुछ करने की ठान ले तो उम्र कोई मायने नहीं रखती| 67 वर्ष के उम्र के पड़ाव पर वे आज भी वे शिवाजी- द बॉस, रोबोट, कबाली जैसी हिट फिल्में देने का माद्दा रखते हैं.
T 2739 – To my dear friend, colleague and a most humble and large hearted Colossus !! Birthday greetings .. वर्ष नव, हर्ष नव , जीवन उत्कर्ष नव !! pic.twitter.com/ToIVU0LGLL
— Amitabh Bachchan (@SrBachchan) December 12, 2017
रजनीकांत के लोग इतने दीवाने है कि कबाली फिल्म ने रिलीज़ होने से पहले ही 200 करोड़ रूपये कमा लिए रजनीकांत आज इतने बड़े सुपर सितारे होने के बावजूद ज़मीन से जुड़े हुए हैं| वे फिल्मों के बाहर असल जिंदगी में एक सामान्य व्यक्ति की तरह ही दिखते है| वे दूसरे सफल लोगों से विपरीत असल जिंदगी में धोती-कुर्ता पहनते है| यही वजह है कि उनके प्रशंसक उन्हें प्यार ही नहीं करते बल्कि उनको पूजते हैं|

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