कलाजगत को कोरोना का बड़ा झटका, कलाकार बेकार..न काम न पैसा! कोई बेच रहा सब्जी तो कोई कपड़े

कलाजगत को कोरोना का बड़ा झटका, कलाकार बेकार..न काम न पैसा! कोई बेच रहा सब्जी तो कोई कपड़े

कलाजगत को कोरोना का बड़ा झटका, कलाकार बेकार..न काम न पैसा! कोई बेच रहा सब्जी तो कोई कपड़े
Modified Date: December 4, 2022 / 06:12 am IST
Published Date: December 4, 2022 6:12 am IST

रायपुर। कोरोना काल ने प्रदेश के कला जगत को प्रभावित किया है, जहां एक ओर कलाकारों के सामने रोजी रोटी की समस्या आन पड़ी है वहीं महंगाई ने भी बड़ा रंग दिखाया है, लॉकडाउन जैसे समय में जिस तरह काला बाजारी ने फन उठाया है, वहीं लोक रंग के कलाकारों को भी सड़कों पर सब्जी, कपड़े बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

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छत्तीसगढ़ फिल्म उद्योग बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण की मार झेल रहा है, न यहां कलाकारों को फिल्में मिल रही हैं और न ही कोई निर्माता-निर्देशक फिल्म बना रहा है, कोरोना ने जैसे मनोरंजन जगत को खत्म ही कर दिया है, छत्तीसगढ़ लोकरंग नाचा विधा से पूर्ण है, यहां हर गांव में 2-3 कला समूह संगठित हैं पर इन्हें बीते कोरोना काल से अब के कोरोना काल तक कोई काम नहीं मिला और न ही कहीं आयोजन के लिए सरकार ने स्वीकृति दी, इससे बड़ा प्रभाव कलाकार परिवारों के जीवनस्तर पर पड़ा, उनके सामने रोजी रोटी की समस्या और जीवनयापन के लिए कोई काम करने की मजबूरी आ पड़ी, खबरें यहां तक आई की कलाकार कहीं सब्जी तो कहीं सड़कों पर कपड़े बेच रहे हैं, इस कोरोनाकाल ने फिल्म उद्योग को भी बड़ा धक्का दिया, टेक्नीसीयन से लेकर स्पॉट बॉय तक को रोजी रोटी की समस्या से जुझना पड़ रहा है।

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कोरोना ने न सिर्फ कला समाज बल्कि हर व्यवसाय को प्रभावित किया है, बाजार लगातार नीचे गया है, महंगाई ने उत्रोत्तर वृद्धी की है, जिस तरह लॉकडाउन ने विकास की दरों को सर के बल गिराया है, शायद इन परिस्थितियों ने मानव जीवन को कई साल पीछे कर दिया है, अब देखना होगा हमारी सरकारें जनआवश्यकताओं और जन भावनाओं को किस तरह सम्मान करती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com