नई दिल्ली: Pandit Jawaharlal Nehru death anniversary पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के लंबे समय तक प्रधानमंत्री जिम्मेदारी निभाने वाले राजनेता थे। उनका कार्यकाल लगभग 17 वर्षों तक (1947 से 27 मई, 1964) रहा। 74 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। नेहरूजी को बच्चों से अपार स्नेह था। वे बच्चों से बहुत प्यार करते थे, इसलिए उनके जन्मदिन को “बाल दिवस” के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए कई संस्थानों की नींव रखी जो आज भारत के विकास, विकास और सुरक्षा में योगदान करते हैं।
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Pandit Jawaharlal Nehru death anniversary उनकी याद में आज के दिन को उनकी पुण्यतिथि के तौर पर मनाया जाता है। पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 इलाहाबाद के एक धनी परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूपरानी था। नेहरू के पिता पेशे से वकील थे और नेहरू के अलावा उनकी 3 बेटियां भी थीं।
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नेहरू ने विदेश में पढ़ाई की थी। इस दौरान उन्होंने स्कूली शिक्षा हैरो और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, लंदन से की। इसके बाद वह लॉ की डिग्री के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गए। इसके बाद नेहरू ने साल 1912 में बार-एट-लॉ की उपाधि पाई। साल 1912 में गांधीजी से प्रभावित होकर नेहरू कांग्रेस से जुड़ गए और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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साल 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद नेहरू पहले प्रधानमंत्री बने और 1964 तक, जब तक उनमें सांसें रहीं, वह देश का नेतृत्व करते रहे। नेहरू को सबसे बड़ा झटका तब लगा था, जब उन्होंने चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था लेकिन चीन ने 1962 में धोखे से आक्रमण कर दिया था।
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चीन के धोखे के बाद से नेहरू टूट गए थे। जनवरी 1964 में नेहरू जब भुनेश्वर के दौरे पर थे, तब उनको हार्ट अटैक आया था, लेकिन तब डॉक्टरों ने संभाल लिया था और उन्हें आराम की सलाह दी थी। लेकिन 26 मई 1964 की शाम जब नेहरू अपनी बेटी इंदिरा के साथ छुट्टियां मनाकर दिल्ली लौटे तो रात 8 बजे वह सीधे अपने कमरे में चले गए और दवाई लेकर लेट गए।