Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के दिन भक्तों पर बरसेगी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा, जानें इनका स्वरूप, मंत्र और महत्व |

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के दिन भक्तों पर बरसेगी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा, जानें इनका स्वरूप, मंत्र और महत्व

Chaitra Navratri 2023:

Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि के दिन भक्तों पर बरसेगी मां ब्रह्मचारिणी की कृपा, जानें इनका स्वरूप, मंत्र और महत्व

Chaitra Navratri 2023:

Modified Date: March 23, 2023 / 12:07 am IST
Published Date: March 23, 2023 12:07 am IST

Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि शुरु हो गई है और गुरुवार, 23 मार्च को माता के दूसरे स्वरूप की पूजा होगी। नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की पूजा की जाती है। इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है। कठोर साधना और शुद्ध आचरण के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया है। इनकी पूजा से खास तौर पर साधना करनेवालों, विद्यार्थियों या तपस्वियों को विशेष लाभा होता है। अगर आप अपनी किसी भी मनोकामना की पूर्ति से पूरे मनोयोग से परिश्रम कर रहे हैं, उचित आचरण और आहार-विहार का अनुसरण कर रहे हैं, तो माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से आपकी मनोकामना जल्द पूरी हो सकती है।

नवरात्र के दूसरे दिन मां दुर्गा के ‘देवी ब्रह्मचारिणी’ रूप की पूजा करने का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में अक्षमाला और बाएं हाथ में कमण्डल है। माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना एवं आराधना करने से भक्तों को अनेक प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती हैं। साथ ही आचरण में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार इत्यादि की वृद्धि होती है। इनकी कृपा से जीवन में आ रही तमाम परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं।

कैसे पड़ा ब्रह्मचारिणी नाम?

मां ब्रह्मचारिणी के नाम में ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली। शास्त्रों में बताया गया है कि मां दुर्गा ने पार्वती के रूप में पर्वतराज के यहां पुत्री बनकर जन्म लिया और महर्षि नारद के कहने पर भगवान महादेव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इन्होंने जंगल में जाकर 3000 वर्ष तक वृक्षों से गिरे सूखे पत्तों को खाकर कठिन तपस्या की। इतने कठोर तप और नियमों का पालन करने की वजह से इनका नाम तपश्चारिणी या ब्रह्मचारिणी पड़ा। मां का यह स्वरूप तप और शुद्ध आचरण को दर्शाता है।

माता का मंत्र

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा निम्न मंत्र के माध्यम से की जाती है –

दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू।

देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

(अर्थात जिनके एक हाथ में अक्षमाला है और दूसरे हाथ में कमण्डल है, ऐसी उत्तम ब्रह्मचारिणीरूपा मां दुर्गा मुझ पर कृपा करें।)

कैसे करें प्रसन्न?

इस दिन माता के मन्त्रों के साथ चन्द्रमा के मंत्रों का जाप भी करें। इस दिन सफेद वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए। इस दिन शिक्षा तथा ज्ञान के लिये मां सरस्वती की उपासना भी करनी चाहिए। मां ब्रह्मचारिणी को चीनी अर्थात शक्कर का भोग अत्यंत प्रिय है। इसके अतिरिक्त आप किसी भी सफेद खाद्य पदार्थ का भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से आयु में वृद्धि का वरदान मिलता है। इसके अलावा, मां को वट वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ का फूल अत्यंत भाता है। मां ब्रह्मचारिणी भले ही श्वेत वस्त्र धारण किये हुए हैं लेकिन उनका प्रिय रंग लाल है। इसलिए माता को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। माता को चांदी की वस्तु भी समर्पित करना शुभ माना जाता है।

read more: खुल जाएंगे इन तीन राशियों के भाग्य, मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान.

read more: नवरात्रि पर इन महिलाओं को मिला बड़ा तोहफा, ANM पद पर हुई नियुक्ति, सीएम ने सभी दी बधाई 

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer और शिफ्ट इंचार्ज हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।