वैसे तो योग के बहुत से स्टेप्स हैं लेकिन कटि चक्रासन का अपना एक खास महत्व है इस आसन को करने से कमर को आराम मिलता है। कटि चक्रासन योगासन का वास्तव में अर्थ है कमर के हिस्से को घुमाना। इस आसन से कमर को खिंचाव मिलने के साथ साथ कमर में लचीलापन भी आता है। इसे करने के लिए थोड़ा समय लगता है परंतु इसके अनेक लाभ हैं।
कटि चक्रासन करने की विधि
पैरों को जोड़ कर सीधे खड़े हो जाएँ।
श्वास अंदर लेते हुए ,हथेलियां एक दुसरे के सामने रखते हुए,हाथों को अपने सामने,ज़मीन के समानांतर करें।
अपने हाथों और कन्धों की दूरी समान रखें।
श्वास छोड़ते हुए,कमर दाहिनी ओर घुमाएं और बाएं कंधे से पीछे की ओर देखें। श्री श्री योग के विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार पैरों को एक ही स्थान पर रखे रहें ,इससे कमर को पूरा घुमाव प्राप्त होगा।
हथेलियों की दूरी समान बनायें रखिये ,क्या आपको अपनी पीठ के नीचले हिस्से में खिंचाव का अनुभव हो रहा है ?
श्वास लेते हुए पुनः सामने की ओर घूम जाएँ।
श्वास छोड़ते हुए इस आसन को बाएँ ओर घुमते हुए दोहराएँ।
साँस लेते हुए पुनः सामने की ओर घूम जाएँ।
इस आसन को कुछ समय तक दोनों तरफ करें और फिर श्वास छोड़ते हुए हाथों को नीचे लें आएँ।
श्री श्री योग विशेषज्ञ की राय:आसन करने की गति धीमी और एक समान हो। शरीर को झटके से न हिलाएँ। यदि आप श्वास और गति में सामंजस्य के साथ योगासन करेंगे तो आपको इसका अत्यधिक लाभ होगा।
कटि चक्रासन के लाभ
कब्ज़ से राहत।
मेरुदंड और कमर का लचीलापन।
हाथ और पैरों के मासपेशियों के लिए लाभदायक।
गर्दन एवं कन्धों को आराम देते हुए,पेट की मासपेशियों एवं पीठ को शक्तिशाली बनाता है।
बैठकर या दफ्तर में कार्य करने वालों के लिए लाभदायक।
कटि चक्रासन करते समय कुछ चीज़ों पर ध्यान दे |
गर्भावस्था,हर्निया,स्लिप डिस्क,एवं उदर के हिस्से में हुई कोई भी सर्जरी वाले व्यक्तियों के लिए यह आसन वर्जित है।
यदि आपको रीढ़ की हड्डी की कोई भी समस्या हो तो आप चिकित्सिक से सलाह लेकर ही यह आसन करें।
वेब डेस्क IBC24
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