रायपुर। 2018 में प्रदेश में प्रचंड बहुमत के साथ बनी कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरे होते ही…प्रदेश में कुछ सवालों और अटकलों का ऐसा सिलसिला चला कि हर एक घटना को उसी से जोड़कर देखा गया। मंगलवार को दिल्ली में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, पार्टी के प्रदेश प्रभारी राहुल गांधी से मिले। 3 घंटे से ज्यादा चली बैठक के बाद जब तीनों दिग्गजों ने प्रदेश में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन की बात को सिरे से खारिज किया और प्रदेश विकास के मुद्दे पर विस्तार से बात होना बताया।
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बुधवार को फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने बारी-बारी से कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की, जिससे फिर प्रदेश में अटकलों का बाजार गर्माया रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर लौटे तो उन्होंने हर अटकल पर विराम लगाते हुए दो टूक कहा कि…ढाई-ढाई साल का राग अलापने वाले सरकार के खिलाफ साजिश कर उसे अस्थिर करना चाहते हैं, .उन्हें मुख्यमंत्री आलाकमान ने बनाया है, सोनिया-राहुल जिस दिन कहेंगे वे CM का पद छोड़ देंगे।
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दूसरी तरफ उनकी वापस के दौरान रायपुर एयरपोर्ट पर भूपेश बघेल के समर्थन में जमकर नारे लगे…”छत्तीसगढ़ अड़ा हुआ है, भूपेश बघेल संग खड़ा हुआ है’…अब जब प्रदेश प्रभारी कह चुके हैं, मुख्यमंत्री भी स्पष्ट कर चुके हैं, स्वास्थ्य मंत्री भी अपनी राय दे चुके हैं…तब सवाल उठ रहा है कि…छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारों में गूंज रहे तमाम अटकलों का दौर थम जाएगा।