महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर रंग लगाना पड़ेगा भारी, शरीर पर गुब्बारे फेकने पर हो सकती है 7 साल जेल, होली में क्यों बढ़ते हैं अपराध..जानें

women crimes increase during Holi: महिला को जबरन छूना, उसके शरीर पर हाथ फेरना, उसकी मर्जी के बिना रंग लगाना भी दुराचार की श्रेणी में आता है। बिना सहमति के पानी या रंग से भरे गुब्बारे फेंकना भी कानूनन अपराध माना जाता है।

महिलाओं के प्राइवेट पार्ट पर रंग लगाना पड़ेगा भारी, शरीर पर गुब्बारे फेकने पर हो सकती है 7 साल जेल, होली में क्यों बढ़ते हैं अपराध..जानें

women crimes increase during Holi, image source: Los Angeles Times

Modified Date: March 13, 2025 / 09:55 pm IST
Published Date: March 13, 2025 9:55 pm IST
HIGHLIGHTS
  • बिना सहमति के पानी या रंग से भरे गुब्बारे फेंकना भी कानूनन अपराध
  • मर्जी के बिना रंग लगाना भी दुराचार की श्रेणी में
  • महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में सामान्य दिनों की तुलना में 170% तक वृद्धि

नई दिल्ली: women crimes increase during Holi, दुनियाभर में हर तीन में से एक महिला को अपने जीवनकाल में कभी न कभी शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ता है। ये घटनाएं सार्वजनिक स्थानों पर ज्यादा देखी जाती हैं, जैसे कि बस, ट्रेन, मेले और त्यौहार। खासतौर पर होली जैसे पर्व के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ जाते हैं, जिससे उनका आत्मविश्वास और सुरक्षा प्रभावित होती है। एक शोध (Borker 2021, Jayachandran 2021) में बताया गया है कि सार्वजनिक सुरक्षा की कमी महिलाओं की शिक्षा और रोजगार के अवसरों को भी सीमित कर सकती है।

महिलाओं पर रंग डालना या गुब्बारे मारना अपराध

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह श्रीनेत का कहना है कि किसी महिला को जबरन छूना, उसके शरीर पर हाथ फेरना, उसकी मर्जी के बिना रंग लगाना भी दुराचार की श्रेणी में आता है। बिना सहमति के पानी या रंग से भरे गुब्बारे फेंकना भी कानूनन अपराध माना जाता है।

होली के दौरान महिलाओं पर हमलों में 170% वृद्धि

Ideas For India वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार पुलिस के आंकड़ों से पता चला है कि होली के दौरान महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में सामान्य दिनों की तुलना में 170% तक वृद्धि हो जाती है। विभिन्न जिलों में यह प्रभाव अलग-अलग हो सकता है और यह इस पर निर्भर करता है कि समाज में इस तरह की घटनाओं को कैसे देखा जाता है।

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कानूनी नजरिए से सहमति के बिना छूना भी अपराध

मेघालय हाईकोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले में कहा गया कि किसी महिला को बिना उसकी सहमति के कपड़ों के ऊपर से छूना भी यौन अपराध की श्रेणी में आएगा। अगर कोई व्यक्ति महिला के निजी अंगों को कपड़ों के ऊपर से भी छूता है, तो इसे गंभीर अपराध माना जाएगा और आरोपी पर रेप के आरोप भी लग सकते हैं।

गुब्बारे फेंकना भी कानूनी अपराध

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, पानी से भरे गुब्बारे फेंकने से अगर किसी को चोट पहुंचती है, तो इसे हमला माना जा सकता है। अगर इससे किसी की जान चली जाती है, तो यह हत्या के दायरे में आएगा। भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 223 के तहत इस पर 6 महीने की सजा या जुर्माना लगाया जा सकता है, जबकि धारा 115(2) में साधारण चोट के लिए 1 साल की सजा और धारा 117(2) में गंभीर चोट के लिए 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।

‘बुरा न मानो होली है’ कहकर गलत व्यवहार करने के नतीजे

त्यौहार के नाम पर महिलाओं के साथ गलत व्यवहार को अक्सर ‘बुरा न मानो होली है’ कहकर सही ठहराने की कोशिश की जाती है। कई लोग इस मौके का फायदा उठाकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। मीडिया में हर साल होली के दौरान उत्पीड़न की घटनाओं की खबरें आती हैं, जो इस प्रवृत्ति की पुष्टि करती हैं।

होली पर महिलाओं के खिलाफ अपराध की रिपोर्टिंग में देरी

रिसर्च में पाया गया कि पितृसत्तात्मक समाजों में महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्सर कम रिपोर्ट होते हैं। होली जैसे सार्वजनिक त्योहारों में महिलाओं की भागीदारी भी अपेक्षाकृत कम होती है। कई जिलों में महिलाएं इस तरह की हिंसा को ही सामान्य मानकर चलती हैं, जिससे शिकायत दर्ज कराने की प्रवृत्ति और कम हो जाती है।

कानूनी धाराएं और दंड

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत किसी भी महिला के सम्मान को ठेस पहुंचाने, जबरन छूने या उस पर हमला करने को अपराध माना जाता है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर कम से कम 1 साल की जेल और जुर्माना भरना पड़ सकता है। यह एक गैर-जमानती अपराध है, जिसमें पुलिस आरोपी को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती है।

महिला पर अश्लील टिप्पणी और पीछा करना भी अपराध

होली के दौरान किसी महिला पर अश्लील टिप्पणी करने, इशारे करने या उसका पीछा करने को IPC की धारा 509 के तहत अपराध माना जाता है। इसमें दोषी को 1 साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

कपड़े उतारना या फाड़ना गंभीर अपराध

अगर किसी महिला के कपड़े जबरन उतारे जाते हैं या फाड़ने की कोशिश की जाती है, तो यह IPC की धारा 354B के तहत गंभीर अपराध माना जाएगा। इस अपराध में कम से कम 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

रेप के लिए कड़ी सजा का प्रावधान

अगर कोई व्यक्ति किसी महिला की सहमति के बिना जबरदस्ती करता है, तो इसे IPC की धारा 375 और 376 के तहत रेप माना जाता है। इस अपराध में दोषी को 10 साल से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

हर घंटे 51 महिलाओं के खिलाफ अपराध

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 4% अधिक हैं। यानी हर घंटे 51 महिलाओं के खिलाफ अपराध होता है।

होली पर सुरक्षित रहने के लिए सावधानियां

महिलाओं को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर सतर्क रहना चाहिए।

किसी भी तरह की अनुचित हरकत का तुरंत विरोध करें और जरूरत पड़ने पर पुलिस की मदद लें।

अपने परिवार और दोस्तों के साथ ही होली खेलने की कोशिश करें।

अनजान लोगों के साथ ज्यादा घुलने-मिलने से बचें और किसी भी प्रकार की जबरदस्ती को बर्दाश्त न करें।

होली एक आनंद और उल्लास का पर्व है, लेकिन किसी भी त्यौहार का मतलब यह नहीं है कि महिलाओं की सुरक्षा से समझौता किया जाए। समाज को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर कोई इस पर्व का सम्मान के साथ आनंद ले सके।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com