Transgender sarpanch in Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में देश की पहली किन्नर सरपंच बनने का दावा, थर्ड जेंडर सोनू दीदी ने जीता चुनाव
first transgender sarpanch in Chhattisgarh: छतीसगढ़ में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सोनू सिंह उरांव उर्फ सोनू दीदी जो किन्नर है चनवारीडाँड़ पँचायत से सरपंच निर्वाचित हुई है। शायद सोनू दीदी सरपंच का चुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर सरपंच बनी है।
first transgender sarpanch in Chhattisgarh, image source: ibc24
- सोनू सिंह चनवारीडाँड़ ग्राम पँचायत से सरपंच निर्वाचित
- सरपंच का चुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर सरपंच बनी
- वह 2013 में मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है
मनेंद्रगढ़: first transgender sarpanch in Chhattisgarh, छतीसगढ़ में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सोनू सिंह उरांव उर्फ सोनू दीदी जो किन्नर है, चनवारीडाँड़ ग्राम पँचायत से सरपंच निर्वाचित हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि सोनू दीदी सरपंच का चुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर सरपंच बन गई है।
समाज में एक ऐसा वर्ग भी है जिसे समाज में तीसरे समुदाय के रूप में जाना जाता है। इसे थर्ड जेंडर कहा जाता है। थर्ड जेंडर लोगों के यहां खुशी के अवसर पर नाचने गाने और त्यौहारों पर दुकानों में जाकर मांगने का काम करते हैं। ट्रेनों में भी इन्हें मांगते देखा जाता है। लेकिन किन्नर समुदाय के लोग विधानसभा और नगरीय निकाय के बाद अब पँचायत चुनाव में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।
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देश की पहली किन्नर सरपंच
दरअसल, छतीसगढ़ में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में सोनू सिंह उरांव उर्फ सोनू दीदी जो किन्नर है चनवारीडाँड़ पँचायत से सरपंच निर्वाचित हुई है। शायद सोनू दीदी सरपंच का चुनाव जीतकर देश की पहली किन्नर सरपंच बनी है। जीतने के बाद सोनू किन्नर अपने समर्थकों के साथ मन्दिर पहुंची और पूजा अर्चना की। मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ से यह पँचायत लगी हुई है जो शहरी क्षेत्र जैसी ही है। यहां पांच प्रत्यासी सरपंच के लिए चुनाव मैदान में थे जिसमें दो पूर्व सरपंच भी खड़ी थी लेकिन सबको हराकर सोनू किन्नर सरपंच बनी।
बता दें कि इसके पहले वह 2013 में मनेन्द्रगढ़ विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है, साथ ही पिछले पँचायत चुनाव में भी इसी पँचायत से सरपंच का चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन दोनों चुनाव में सफलता नहीं मिली थी। आखिरकार सोनू ने हिम्मत नहीं हारी और एक बार फिर सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत मिली । अपनी जीत का श्रेय वह गांव के मतदाताओं को देती है। उनका कहना है कि जो भी वायदे उन्होंने किये हैं सब प्राथमिकता से पूरे होंगे और समस्याएं दूर होंगी।

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