Operation Sindoor: भारत एक साथ तीन देशों से लड़ रहा था जंग! जानकर हैरान रह जाएंगे आप, ऑपरेशन सिंदूर से मिली बड़ी सीख

Operation Sindoor: भारत के खिलाफ सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि तुर्की और चीन भी जंग लड़ रहे थे। ये दोनों देश न सिर्फ हथियारों की सप्लाई करके, बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा पाकिस्तान की मदद कर रहे थे। आइए जानते हैं कैसे?

Operation Sindoor: भारत एक साथ तीन देशों से लड़ रहा था जंग! जानकर हैरान रह जाएंगे आप, ऑपरेशन सिंदूर से मिली बड़ी सीख

Operation Sindoor, image source: ibc24

Modified Date: May 13, 2025 / 08:17 pm IST
Published Date: May 13, 2025 8:14 pm IST
HIGHLIGHTS
  • भारत के खिलाफ 'इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर'
  • भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट करने का दावा
  • बिना सत्यापन के ब्रेकिंग न्यूज और उसके आधार पर ही खबरों की एनालिसिस

नईदिल्ली: Operation Sindoor, ऑपरेशन सिंदूर से भारत को एक बड़ी सीख मिली है, और वह सीख यह है कि भारत अब जान गया है कि पाकिस्तान के खिलाफ जंग लड़ने का मतलब सिर्फ एक देश से ही नहीं है, बल्कि एक साथ तीन देशों के साथ मोर्चा लेना है। आपको बता दें कि भारत के खिलाफ सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि तुर्की और चीन भी जंग लड़ रहे थे। ये दोनों देश न सिर्फ हथियारों की सप्लाई करके, बल्कि उससे भी कहीं ज्यादा पाकिस्तान की मदद कर रहे थे। आइए जानते हैं कैसे?

दरअसल, चीन और तुर्की भी भारत ​के खिलाफ इन्फॉर्मेशन वॉर फैलाने में पाकिस्तान के साथ लगे हुए थे। और ये देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बचाने का प्रयास कर रहे थे। चीन के समाचार ऑउटलेट्स, जैसे ग्लोबल टाइम्स, शिन्हुआ न्यूज एजेंसी और तुर्की के टीआरटी वर्ल्ड खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में प्रोपेगेंडा फैला रहे थे। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ और ग्लोबल टाइम्स को तो वैसे भी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का भोंपू कहा जाता है, इसलिए उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता तो न के बराबर है, लेकिन तुर्की के टीआरटी वर्ल्ड खुलकर पाकिस्तान का मुखपत्र बनकर प्रोपेगेंडा फैला रहा था।

तुर्की और चीन इन दोनों देशों की मीडिया में पाकिस्तान की भाषा बोली जा रही थी। बिना सत्यापन के ब्रेकिंग न्यूज और उसके आधार पर ही खबरों की एनालिसिस की जा रही थी। पाकिस्तानी सेना के हवाले से खबरें चलाई जा रही थीं, जिसमें बताया जा रहा था कि पाकिस्तानी सेना के द्वारा भारत का भारी भरकम नुकसान दिखाया जा रहा था।

 ⁠

read more:  Dividend Stock: मजबूत तिमाही नतीजे और डिविडेंड की घोषणा, इस फॉर्मा स्टॉक में लगी खरीदारी की होड़

भारत के खिलाफ ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर’

किसी देश के खिलाफ युद्ध में इन्फॉर्मेशन वॉरफेयर की अलग कहानी होती है। यहां से नैरेटिव बनाया जाता है। जैसा कि सभी को मालुम है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रहा था, लेकिन ये देश उसे पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध बता रहे थे। ये दोनों देश संगठित होकर नकली वीडियो, फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा फैला रहे थे। चीनी मीडिया में पुराने युद्ध के वीडियो एडिट करके लगाए जा रहे थे। फर्जी न्यूज चैनल्स के क्लिप और AI वीडियो बनाकर दिखाए जा रहे थे।

पाकिस्तानी सैनिकों के बेतूके दावों को तुर्की और चीन में लगातार दिखाया जा रहा था, भले ही दावों की कोई पुष्टि ना हुई हो। तुर्की ने पाकिस्तान को अपने झूठे दावों को अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचाने का मंच दे दिया था। जैसे ग्लोबल टाइम्स, सीएनएन और तुर्की की मीडिया ने ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के साथ ही भारतीय लड़ाकू विमानों के गिरने की खबरें चलानी शुरू कर दी। जबकि उसकी कोई पुष्टि नहीं हुई थी।

read more: टाटा स्टील की चालू वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की योजना

भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट करने का दावा

सीएनएन पर चलने वाली खबरों को देखकर ऐसा लग रहा था कि वो पाकिस्तान का न्यूज चैनल हो। चीन में भारतीय दूतावास ने तो ग्लोबल टाइम्स को फर्जी खबरें चलाने के लिए फटकार तक लगाई। चीन और तुर्की में चलाया जा रहा था कि “पाकिस्तान के JF-17 थंडर की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आदमपुर में भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है। भारतीय सेना ने जब इन दावों का खंडन किया, तो फिर भी खबरों को अपडेट तक नहीं किया गया।

इन देशों की मीडिया में भारतीय सेना के बयान भी नहीं दिखाए जा रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि क्योंकि जेएफ-17 चीनी फाइटर जेट है और सरकारी चीनी मीडिया में इस तरह के निराधार दावों से सीधे तौर पर सरकारी चीनी एयरोस्पेस कंपनियों को फायदा होता है। इसके अलावा तुर्की की मीडिया में भारत को मुस्लिम विरोधी देश दिखाने की कोशिश की गई।

जाहिर है कि जब तीन दुश्मन देश मिलकर आपकी सच्चाई को झूठ और दुश्मन के झूठ को हथियार की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दें, तब जंग सिर्फ टैंक या मिसाइल से नहीं, बल्कि सच्चाई की ताकत से जीतना होता है। भारत को अब “डिजिटल महायुद्ध” के लिए सच्चाई, टेक्नोलॉजी और रणनीति, तीनों मोर्चों पर तैयार रहना होगा। क्योंकि ये लड़ाई अब सिर्फ सीमा तक ही सीमित नहीं रह गई है।

read more: CG Hindi News: संक्रामक बीमारियों की रोकथाम को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग सतर्क, सभी नगर निगमों को जारी किया परिपत्र, दिया ये निर्देश

 


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com