FIR against Anurag Kashyap: फिल्मकार अनुराग कश्यप के खिलाफ रायपुर में FIR के निर्देश, भारी पड़ी ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी |

FIR against Anurag Kashyap: फिल्मकार अनुराग कश्यप के खिलाफ रायपुर में FIR के निर्देश, भारी पड़ी ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी

FIR against filmmaker Anurag Kashyap: बता दें कि ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप घिर गए हैं। कोर्ट ने खुद एफ आई आर करने का आदेश दिया है।

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Reported By: Sandeep Shukla

Modified Date: May 8, 2025 / 06:48 PM IST
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Published Date: May 8, 2025 6:48 pm IST
HIGHLIGHTS
  • ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद घिर गए फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप 
  • FIR दर्ज नहीं होने पर कोर्ट में आवेदन 

रायपुर: FIR against filmmaker Anurag Kashyap ब्राह्मण जाति के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक और एक्टर अनुराग कश्यप के खिलाफ आज रायपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश जारी किया गया है ।

उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और भाजपा नेता अंजिनेश अंजय शुक्ला द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आकांशा बेक, रायपुर की अदालत ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 196, 299 एवं 353 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये धाराएँ संज्ञेय तथा गैर-जमानती प्रकृति की मानी जाती हैं।

FIR दर्ज नहीं होने पर कोर्ट में आवेदन

इस प्रकरण में अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला स्वयं सह अधिवक्तागण निमिश किरण शर्मा एवं संदीप थोरानी ने पैरवी की। अंजिनेश शुक्ला ने बताया कि उन्होंने सिविल लाइन थाने में इसकी शिकायत करते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने एसएसपी से मुलाकात कर FIR दर्ज करने की मांग की।उसके बाद भी FIR दर्ज नहीं होने पर उन्होंने कोर्ट में आवेदन लगाया था। जिस पर आज ये फैसला आया है ।

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ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद घिर गए फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप

FIR against filmmaker Anurag Kashyap, बता दें कि ब्राह्मण समाज पर टिप्पणी करने के बाद फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप घिर गए हैं। कोर्ट ने खुद एफ आई आर करने का आदेश दिया है। बॉलीवुड फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के खिलाफ रायपुर में गैर जमानती धाराओं में सिविल लाइन थाने में अपराध पंजीबद्ध करने के निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने माना है कि अनुराग की टिप्पणी ना सिर्फ सामाजिक सौहार्द को भंग करने वाली है, बल्कि यह विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली और दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है। अधिवक्ता शुक्ला ने कहा, आरोपी इन धाराओं में कोई समझौता नहीं कर सकता है।

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ब्राह्मणों पर क्या बोले थे अनुराग कश्यप?

अगर, अनुराग कश्यप के उस विवादित बयान की बात की जाए तो इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब प्रतीक गांधी और पत्रलेखा की फिल्म ‘फुले’ 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी। ये फिल्म समाज सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की जिंदगी पर आधारित है। इसका ट्रेलर रिलीज किए जाने के बाद से ही इस पर जातिवाद के आरोप लग रहे थे। वहीं, सर्टिफिकेशन बोर्ड ने भी इसकी रिलीज से पहले फिल्म में कई बदलाव करने के सुझाव दिए थे। ऐसे में सेंसर बोर्ड का रवैया देखकर अनुराग ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर अपनी राय रखनी शुरू कर दिया। 5 दिन पहले फिल्म फुले और जातिवाद के मुद्दे पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें जातिवाद को लेकर बहुत कुछ लिखा था और ब्राह्मण समुदाय के बारे में बहुत कुछ कहा था।

इसमें अनुराग कश्यप ने लिखा था, ‘धड़क 2 की स्क्रीनिंग में सेंसर बोर्ड ने बोला, मोदी जी ने इंडिया में कास्ट सिस्टम खत्म कर दिया है। उसी आधार पर संतोष भी इंडिया में रिलीज नहीं हुई। अब ब्राह्मण को समस्या है फुले से। भइया, जब कास्ट सिस्टम ही नहीं है तो काहे का ब्राह्मण। कौन हो आप? आपकी क्यों सुलग रही है। जब कास्ट सिस्टम था नहीं तो ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई क्यों थे? या तो आपका ब्राह्मणवाद एक्जिस्ट ही नहीं करता क्योंकि मोदी जी के हिसाब से इंडिया में कास्ट सिस्टम नहीं है? ये सब लोग मिलकर सबको बेवकूफ बना रहे हैं। भाई मिलकर डिसाइड रर लो इंडिया में जातिवाद है या नहीं। लोग बेवकूफ नहीं हैं। आप ब्राह्मण लोग हो या फिर आप के बाप हैं, जो ऊपर बैठे हैं। डिसाइड कर लो।’

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अनुराग कश्यप के खिलाफ कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं और उनका क्या मतलब है?

उत्तर: उनके खिलाफ IPC की धारा 196 (झूठे साक्ष्य देना), धारा 299 (हत्या का आपराधिक इरादा रखने वाला कार्य), और धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) लगाई गई हैं। ये सभी धाराएं गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आती हैं।

अदालत ने FIR दर्ज करने का आदेश क्यों दिया?

उत्तर: अधिवक्ता अंजिनेश शुक्ला की शिकायत पर पुलिस द्वारा कोई FIR दर्ज न करने पर उन्होंने न्यायालय में याचिका दायर की। अदालत ने माना कि अनुराग की टिप्पणी समाज में वैमनस्य फैलाने और धार्मिक भावनाएं आहत करने वाली है, जिससे सार्वजनिक शांति भंग हो सकती है। इसी आधार पर कोर्ट ने FIR दर्ज करने का आदेश दिया।

क्या अनुराग कश्यप को अब तुरंत गिरफ्तार किया जा सकता है?

उत्तर: चूंकि मामला गैर-जमानती धाराओं का है, पुलिस को FIR दर्ज करने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी होगी, जिसमें पूछताछ या गिरफ्तारी भी संभव है। हालांकि गिरफ्तारी की आवश्यकता और प्रक्रिया जांच अधिकारी तय करेगा।