Jodhpur News: बारिश के बीच पटाखों जैसे धमाके! शॉर्ट सर्किट से दहला बाजार, बिजली विभाग की लापरवाही से खतरे में जान

Jodhpur News: बारिश के बीच पटाखों जैसे धमाके! शॉर्ट सर्किट से दहला बाजार, बिजली विभाग की लापरवाही से खतरे में जान

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  • Publish Date - July 13, 2025 / 06:56 PM IST,
    Updated On - July 13, 2025 / 06:56 PM IST

Jodhpur News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • जोधपुर में बारिश बनी आफत,
  • शॉर्ट सर्किट से फूटा पटाखों जैसा कहर,
  • बिजली विभाग की लापरवाही से सहमे लोग,

जोधपुर/रंजन दवे: Jodhpur News: भारी बारिश के बीच जोधपुर में बिजली विभाग की लापरवाही का ऐसा नज़ारा देखने को मिला, मानो दीपावली के पटाखे फूट रहे हों। शॉर्ट सर्किट के कारण जोरदार धमाके हुए और पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया। यह घटना त्रिपोलिया बाज़ार, मोती चौक और ब्रह्मपुरी की गलियों में देखने को मिली, जहां बिजली के तार जगह-जगह लटक रहे हैं।

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Jodhpur News: पिछले साल रावतों की गली और गुंदी के मोहल्ले में लूज़ वायर से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। त्रिपोलिया बाज़ार में हजारों व्यापारियों की दुकानें हैं और इस तरह की घटनाएं उनके जान-माल के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। आज की बारिश के बाद भी मोती चौक पर बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ और पटाखों जैसे धमाके सुनाई दिए। ऊपर बिजली के तारों से चिंगारियां निकल रही थीं और नीचे पानी का तेज़ बहाव था।

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Jodhpur News: ऐसे में महिलाएं, बच्चे और व्यापारी अपनी जान की सलामती की दुआ करते हुए इलाके से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बिजली विभाग की लापरवाही इतनी ज़्यादा है कि जब बारिश नहीं होती, तब बिजली कट जाती है और जब मूसलधार बारिश होती है, तब बिजली चालू रहती है यह स्थिति खुद में एक मज़ाक बन चुकी है।

जोधपुर में बारिश के दौरान "बिजली विभाग की लापरवाही" की क्या मुख्य वजह रही?

बारिश के दौरान लटकते बिजली के तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे जोरदार धमाके और चिंगारियों की घटनाएं हुईं। विभाग द्वारा तारों की मरम्मत न कराना और चेतावनी संकेत न लगाना इसकी मुख्य वजह है।

क्या पहले भी "बिजली विभाग की लापरवाही" के कारण हादसे हो चुके हैं?

हां, पिछले साल रावतों की गली और गुंदी मोहल्ले में लूज़ वायर से एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। यह कोई नई घटना नहीं है।

स्थानीय लोगों ने "बिजली विभाग की लापरवाही" की शिकायत कहां की है?

लोगों ने कई बार विभागीय अधिकारियों और प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

क्या इस "बिजली विभाग की लापरवाही" के लिए कोई जिम्मेदार ठहराया गया है?

अभी तक विभाग की ओर से किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई की कोई सूचना नहीं है। यह सवाल उठ रहा है कि प्रशासन कब जागेगा।

ऐसे क्षेत्रों में "बिजली विभाग की लापरवाही" से बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं?

पुराने और लटकते तारों को तुरंत बदला जाना चाहिए, जलभराव वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति को बारिश के दौरान रोका जाए, और चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।