रायपुर: Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक विभाग में पदस्थ क्लर्क दीपक वर्मा को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
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Raipur News: मिली जानकारी के अनुसार दीपक वर्मा ने विश्वविद्यालय के एक रिटायर्ड क्लर्क से पेंशन प्रकरण को शीघ्र निपटाने के नाम पर 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायत मिलने पर ACB रायपुर टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जाल बिछाया।
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Raipur News: योजनाबद्ध तरीके से रिटायर्ड क्लर्क द्वारा 30 हजार रुपये की पहली किस्त देने के दौरान ACB की टीम ने दीपक वर्मा को रंगे हाथों पकड़ लिया। ACB की इस कार्रवाई से विश्वविद्यालय प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फिलहाल आरोपी क्लर्क से पूछताछ की जा रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
"पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में रिश्वतखोरी" का मामला किससे जुड़ा है?
यह मामला प्रशासनिक विभाग के क्लर्क दीपक वर्मा से जुड़ा है, जो रिटायर्ड कर्मचारी से रिश्वत ले रहा था।
ACB ने "रिश्वत लेते हुए क्लर्क" को कैसे पकड़ा?
ACB ने शिकायत के आधार पर जाल बिछाया, और जब क्लर्क ने 30 हजार रुपये की पहली किस्त ली, तभी उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।
"रिश्वत की रकम" कितनी मांगी गई थी?
क्लर्क दीपक वर्मा ने 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी, जिसमें से 30 हजार की पहली किस्त लेते पकड़ा गया।
"रिश्वतखोरी से संबंधित ACB कार्रवाई" के बाद क्या हुआ?
ACB की कार्रवाई के बाद आरोपी से पूछताछ की जा रही है और आगे की जांच चल रही है।
"पेंशन प्रकरण में रिश्वतखोरी" कितनी गंभीर है?
यह नौकरी से रिटायर व्यक्ति के अधिकारों का शोषण है और एक गंभीर अपराध है, जिसे ACB द्वारा प्राथमिकता से लिया गया।