जनवरी से पहले होगा China-Pak से युद्ध? पाकिस्तान को मिला खतरनाक Warship |

जनवरी से पहले होगा China-Pak से युद्ध? पाकिस्तान को मिला खतरनाक Warship

चीन- पाकिस्तान से भारत के युद्ध के पूरे आसार बन चुके हैं कभी भी ये लड़ाई छिड़ सकती है...ची दिसंबर तक शुरू होकर जनवरी से पहले खत्म हो जाए....

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 03:43 AM IST, Published Date : November 10, 2021/6:47 pm IST

चीन- पाकिस्तान से भारत के युद्ध के पूरे आसार बन चुके हैं और कभी भी ये लड़ाई छिड़ सकती है…चीन की कोशिश होगी कि लड़ाई दिसंबर तक शुरू होकर जनवरी से पहले खत्म हो जाए…. और लड़ने की मजबूरी ही हो तो भारत चाहेगा कि ये लड़ाई जनवरी या उसके बाद ही शुरू हो … दोनों तरफ की तैयारियों को देखकर लगता है कि अब बस तारीख तय होना ही बाकी रह गया है….

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क्या चाइना और पाकिस्तान मिलकर भारत पर हमला करने वाले हैं…? और यदि हमला होना है तो कब तक होगा…..? परिस्थितियों को देखकर लगता है कि जल्दी ही ऐसा होने जा रहा है…..अब उसका समय आ गया है ….पिछले एक साल से चाइना और पाकिस्तान ने भारत को घेरने के लिए सभी रणनीतिक मोर्चों पर तैयारियां शुरू कर रखी हैं जो अब पूरी होती नजर आ रही हैं…. युद्ध में चीन और पाकिस्तान को सबसे बड़ा झटका इंडियन नैवी से ही लगने वाला है …. जानकार बताते हैं कि जब भी युद्ध होगा तो खासकर पाकिस्तान को भारी नुकसान इंडियन नैवी ही पहुंचाएगी… इससे बचने के लिए पाकिस्तान ने अपने आका से गुहार लगाई थी और अब ताजा खबर ये है कि चीन ने पाकिस्तानियों को अपना सबसे आधुनिक युद्धपोत- वॉरशिप दे दिया है…..बताया गया है कि यह अत्याधुनिक युद्धपोत- युद्ध प्रबंधन और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लैस है….इसके कारण यह मुश्किल हालात में कई नौसैनिक युद्ध अभियानों को अंजाम दे सकता है। यह चीन का सबसे उन्नत फ्रिगेट (लड़ाकू पोत) है। इसके अलावा चीन कई अन्‍य हथियार पाकिस्‍तानी नौसेना को दे रहा है। बताया गया है कि इसके लिए पाकिस्‍तान ने चीन के साथ 7 अरब डॉलर की डील की थी। खैर ये डील थी या युद्ध की तैयारी के तहत चाइना अपने हथियार वहां डंप कर रहा है ये समझा जा सकता है….

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कहने को तो यह पाकिस्तान के साथ सौदा है पर ऐसा लगता नहीं है….जिस देश में खाने को लाले हैं वह भला चीन को पैसे कैसे देगा…. मामला साफ है चीन ने अपना पोत तैनात किया है और इसे एक सौदा बता दिया है…..इस बहाने चाइना भारत को घेरने के लिए अपने बेड़े भेज रहा है…..ताकि युद्ध हो तो मदद मिल सके….कहते हैं कि यही आखिरी तैयारी थी जिसे पाकिस्तानी सीमा पर समुद्र में करना बाकी था… अब ये पोत तैनात हो जाने के बाद लड़ाई कभी भी छेड़ी जा सकती है…
युद्ध के विशेषज्ञ मानते हैं कि पाकिस्तान की हैसियत ऐसी नहीं है कि भारत के सामने वह 7 दिन भी लड़ाई कर सके… अब इतनी सी बात तो पाकिस्तान के भी एक्सपर्ट जानते हैं ….तो फिर क्या कारण है कि पाकिस्तान ऐसी गलती करने को उतावला है ? दरअसल यह लडाई वह चाइना के साथ मिलकर ही लड़ सकता है और इस समय पाकिस्तान को लड़ाई की तुरंत जरूरत भी है क्योंकि वहां गृह युद्ध के हालात बन रहे हैं….. वहीं चाइना को भी लड़ाई के लिए यह एकदम ठीक समय लग रहा है क्योंकि इस समय मुसीबतों से घिरा पाकिस्तान उसकी हर बात मानने को तैयार होगा…
वैसे भी चाइना ने पाकिस्तान के ज्यादातर राजनेताओं को खरीद ही लिया है ये सारे नेता मिलकर चाइना के ही पेड एम्प्लाई की तरह काम करते हैं… ये पाकिस्तानी नेता ….नियम बनाने से लेकर व्यापार सौदे….और अपने देश की जमीन गिरवी रखने जैसे….तमाम फैसले चाइना के ही हिसाब से करते हैं…. हद तो ये है कि पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले भारत के हिस्से की जमीन भी अपने आका चाइना को दे रखी है….
युदध के लिहाज से अभी का समय चाइनीज राष्ट्रपति के लिए भी एकदम ठीक है…. राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कार्यकाल 2023 में पूरा होने वाला है… वह तीसरी बार राष्ट्रपति बनना चाहते हैं पर इसके लिए पहले नियम बदलना होगा…एक दिन पहले ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने संविधान से उस धारा को हटाने का प्रस्ताव दिया है जो किसी भी व्यक्ति को दो बार ही राष्ट्रपति रहने की अनुमति देती है….अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो शी जिनपिंग अपने दो कार्यकाल के बाद भी इस पद पर बन रह सकेंगे… जाहिर है अब यदि किसी को तीसरा टर्म भी चाहिए तो उसके लिए बहुत बड़ा कारण गिनाना होगा…. किसी राष्ट्रपति को पद पर बनाए रखने के लिए युद्ध से बड़ा कारण भला और क्या होगा….तो अब आप समझ ही गए हैं कि चीन और पाकिस्तान के लिए इस समय युद्ध क्यों जरूरी हो गया है….

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आपको बता दें कि जिनपिंग ने बिना लड़े ही अपनी जड़ें मजबूत बनाने की रणनीति बनाई थी इसके लिए वो भारत की जमीन पर कब्जा करने चल पड़े थे…. यदि भारतीय जमीन के बड़े हिस्से पर चीन कब्जा जमा लेता है तो जिनपिंग इसे अपनी उपलब्धि बताकर चाइना में खुद को और मजबूत कर लेंगे….यही हरकतें वह बाकी पड़ोसियों के साथ भी कर रहे थे…यही कारण है कि चाइना ने अपने कब्जे के बारे में… अपने भारतीय एजेंटों के जरिए प्रचार भी खूब करवाया था…और भारत में होने वाले शोरगुल- बयान बाजी को चाइनीज पार्टी का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स जोर शोर से छापता था…वह बताता था कि देखो चीन ने कैसे भारत के भीतर घुसकर बढ़त बनाई है…… चाइना को लगता था कि भारत हमेशा की तरह बयानबाजी और बातचीत के अलावा कुछ नहीं कर पाएगा और लम्बी चौड़ी जमीन हथिया लेगा…. पर इस बार दांव उल्टा पड़ गया है….

पहले चाइनीज अपनी सीमा को जब चाहे बदल लेते थे….लेकिन इस बार चाइना के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प भारत ने नहीं छोड़ा है…. भारत उनको वापस खदेड़ने के लिए अड़ा हुआ है….अब यदि चीन अपना कब्जा छोड़कर वापस लौटता है तो शी जिनपिंग की हैसियत कमजोर हो जाएगी…. ऐसे में उसे ताकतवर बने रहने के लिए युद्ध तो लड़ना ही होगा…और अकेले लड़ना उसके लिए मुश्किल होगा…चाइना को, अभी युद्ध लड़ने पर पाकिस्तान का भी भरपूर सहयोग मिलेगा और वह दोनों तरफ से भी भारत को घेर सकेगा…
टू फ्रंट वार मे भारत की ताकत कमजोर रहेगी और इसका फायदा चाइनीज उठा सकेंगे ऐसा उनको लगता है…अक्साई चीन हो या फिर पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान का इलाका…. खबरें आ रही हैं कि चाइना यहां अपने बॉम्बर और दूसरे एयरक्रॉफ्ट उतार रहा है और युद्ध में काम आने लायक कई रनवे भी बनाए जा चुके हैं….

खैर ये तो हुई चाइना पाकिस्तान की बात….. अब ये सोचना चाहिए कि भारत के पास क्या युद्ध से बचने का कोई रास्ता है…? तो इसका जवाब साफ है उसे दो मोर्चे पर हर हाल में लड़ना होगा नतीजा चाहे कुछ भी हों….चीन को लगता है कि ये लड़ाई 15 दिनों में वह खत्म कर देगा और जिनपिंग हीरो बन जाएंगे…पाकिस्तानी नेता अपनी जनता को बेवकूफ बना रहे हैं कि युद्ध के बाद उनका माईबाप चाइना उनको कश्मीर या कोई और जमीन के टुकड़े वगैरह भारत से दिलवा देगा….लूट का माल भी मिलेगा …..

पर इसमें एक पेंच है… पेंच यह है कि इस लड़ाई को शुरू तो चीन और पाक करेंगे पर खत्म भारत करेगा….तमाम युद्ध विशेषज्ञ भी कह रहे हैं कि इस युद्ध में भारत को जाना ही चाहिए….इससे कभी भी कोई बड़ा युद्ध नहीं करने वाले चीन को उसकी औकात पता चल जाएगी और पाकिस्तान से अलग होने को बेकरार पाकिस्तानी सिंधियों और बलोचों को अपना देश बनाने का मौका मिल जाएगा….तिब्बती भी सालों से बदले की आग में जल रहे हैं उनको चाइना से बदला लेने और स्वतंत्र होने का मौका मिल जाएगा…युद्ध के जानकार जो कह रहे हैं उसके मुताबिक सब ठीक रहा तो भारत को अक्साई चीन और पीओके फिर से हासिल करने का मौका रहेगा….पीओके हाथ आ गया तो अफगानिस्तान पर भी नजर रखने में सहूलियत होगी….तालिबान पर कंट्रोल मिल जाएगा….

लेकिन भारत हार गया तो ? तब क्या होगा….? इसका जवाब है तब विश्वयुद्ध होगा और चाइना के सहयोगी मारे जाएंगे….भारत यदि चाइना को नहीं रोक पाएगा तो अमरीका और उसके सहयोगी इस झगड़े मे कूदेंगे और एक्सपर्ट्स कहते हैं फिर जो होगा वह चाइना के कई टुकड़े कर देगा होगा….जिनपिंग इतना बड़ा पंगा लेने से बचने के लिए पाकिस्तान की बलि भी चढ़ा सकते हैं और भारत को वह बलि स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं होगी…तैयार रहें चाइना और पाकिस्तान ने तो तैयारी पूरी कर ली है और वे जनवरी से पहले ये झगड़ा खत्म करना चाहेंगे…. जनवरी के बाद बर्फीली चोटियों पर भारत से बड़ा पहलवान कोई नहीं होगा तब चाइना को भारी नुकसान हो जाएगा….भारत यही देरी करने की रणनीति पर चल रहा है…. बहरहाल ये वर्ल्ड पॉलिटिक्स है देखते रहें आगे आगे होता है क्या…..