Pancreatic cancer in men: कैंसर के सभी स्वरूपों में अग्नाशय में कैंसर को ज्यादा गंभीर माना जाता है। पेंक्रियाज में कैंसर वाली कोशिकाओं के पैदा होने के कारण पैंक्रियाटिक कैंसर होता है। हालांकि ये कैंसर बढ़ती या बढ़ी हुई उम्र के लोगों में ज्यादा फैलता है। औरतों के मुकाबले पैंक्रियाटिक कैंसर के शिकार मर्द ज्यादा होते हैं क्योंकि वो धूम्रपान ज्यादा करते हैं औऱ धूम्रपान पेंक्रियाज के कैंसर का एक कारण है।
पीलिया
पेट में लगातार दर्द होना
हल्के रंग का मल आना और मल में चिकनाई महसूस होना
लगातार कब्ज बने रहना
पीठ और पेट में लगातार दर्द की समस्या बने रहना
थकान, बुखार जैसा फील होना
लीवर में सूजन आना और मतली महसूस होना
Pancreatic cancer in men: हालांकि अधिकतर लोगों को पेंक्रियाज कैंसर के पहले स्टेज का जानकारी ही नहीं मिल पाती। हालांकि इस दौरान शरीर कई तरह के संकेत देता है जिसे मरीज आम बीमारी के संकेत मानकर नजरंदाज कर देता है।
Pancreatic cancer in men: पेंक्रियाज कैंसर का सही अंदाजा कैंसर की दूसरी स्टेज में पता चल पाता है। इस स्टेज में कैंसर के लक्षण बढ़ने लगते हैं और कब्ज, पीलिया के साथ साथ लीवर में सूजन आने लगती है। दूसरे स्टेज में अग्नाशय अपनी सही जगह से खिसक कर शरीर को दूसरे अंगों पर प्रेशर डालने लगता है। अग्नाशय खिसकने से लीवर से पित्त रसों का निकलना बढ़ जाता है औऱ वो रस पेंक्रियाज कैंसर के बढ़ने पर खू में जाकर मिलने लगते हैं। इससे पीलिया होता है और लीवर लगातार कमजोर होने लगता है। कई मामलों में लीवर फेल होने पर मरीज की जान पर बन आती है।
Pancreatic cancer in men: पेंक्रियाज कैंसर का तीसरा स्टेज डॉक्टर की जांच और इलाज से शुरू होता है। इस दौरान डॉक्टरी जांच होती है और डॉक्टर ये तय करते हैं कि कैंसर शरीर के किन हिस्सों में कहां तक पहुंचा है और शरीर को कितना नुकसान पहुंचा है। इस दौरान दवाएं शुरू होती हैं और कैंसर की सही स्टेजिंग के लिए डॉक्टर TNM पद्वति यानी नंबर सिस्टम का सहारा लेते हैं। तीसरी स्टेज ये भी निर्धारित करती है कि कैंसर पैंक्रियाज के बार नजदीकी रक्त कोशिकाओं में भी फैला है या नहीं।
Pancreatic cancer in men: दरअसल चौथी स्टेज में केवल दवाओं से इलाज संभव नहीं है और इस दौरान सर्जरी का सहारा लिया जाता है।क्योंकि अधिकतर मामलों में मरीज देर से चेत पाते हैं और पैंक्रियाज कैंसर की पहचान ही चौथी स्टेज में हो पाती है जहां आमतौर पर इलाज संभव नहीं हो पाता है। चौथी स्टेज में कैंसर पैंक्रियाज से बाहर की कोशिकाओं में फैल जाता है। इस दौरान कैंसर अग्नाशय के साथ साथ लीवर और फेफड़ों तक फैल जाता है। इस दौरान कीमोथैरेपी, कीमोरेडिएशन थेरिपी, पैलिएटिव सर्जरी, बाईपास सर्जरी और गैस्ट्रिक बायपास सर्जरी विकल्प के तौर पर मरीज के शरीर और कैंसर की स्थिति को देखकर इलाज के तौर पर किए जाते हैं।
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