CM Dr. Mohan Yadav Order : सीएम डॉ मोहन यादव के आदेश के बाद हरकत में आया प्रशासन, खुले में मांस-मछली के विक्रय पर कसा शिकंजा
CM Dr. Mohan Yadav Order : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेश के बाद हरकत में आए प्रशासन ने खुले में मांस विक्रय पर शिकंजा कस दिया है।
CM Dr. Mohan Yadav Order
जितेन्द्र सिंह चौहान की रिपोर्ट…
विदिशा : CM Dr. Mohan Yadav Order : नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेश के बाद हरकत में आए प्रशासन ने खुले में मांस विक्रय पर शिकंजा कस दिया है। वहीं धार्मिक स्थलों पर तय मानक से ज्यादा आवाज को लेकर धर्मगुरूओं की बैठक बुलाई गई थी। आपसी सहमति से मंदिर और मस्जिदों से माईक कम कर दिए गए हैं। मांस मछली विक्रय को लेकर जहां पहले जिलेभर में कुल 90 लाईसेंस थे तो वहीं प्रशासन द्वारा कार्यवाही किए जाने के बाद लगभग 260 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
खुले में मांस मछली बेंचने वालों को समझाइश दे रहा प्रशासन
CM Dr. Mohan Yadav Order : पुलिस प्रशासन द्वारा लगातार खुले में मांस मछली बेंचने वालों को समझाइश दी जा रही है। शमशाबाद में पुलिस द्वारा अवैध रूप से संचालित की जा रही मांस विक्रेताओं की दुकान को हटाया गया है। एएसपी समीर यादव का कहना है कि जिलेभर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक ऐंसा कोई मामला सामने नही आया है जिसमें प्रशासन को सख्ती अपनानी पड़ी। सभी को समझाइश दी जा रही तो। वहीं धर्मगुरूओं की बैठक कर आपसी सहमति से नियमों का पालन कराया जा रहा है।
एएसपी समीर यादव ने कहा कि, लंबे समय से शेरपुरा में मछली का व्यापार करने वाली महिलाओं का कहना है कि प्रशासन द्वारा सख्ती से कार्यवाही की जा रही है। लाईसेंस न होने की स्थिति में उनको बुलडोजर चलाने की धमकी भी दी गई है। उन्होने प्रशासन से विक्रय के लिए उपयुक्त स्थान देने की मांग की है।
लाइसेंस के लिए आए 260 नए आवेदन
CM Dr. Mohan Yadav Order : इस पूरे मामले में खाद्य अधिकारी एडलिन ईपन्ना का कहना है कि जहां शहर में कूल 15 से 20 लाईसेंस मांस मछली विक्रय के लिए जारी किए गए हैं तो वहीं जिले में इनकी संख्या 90 है। 15 तारीख के बाद से की जा रही कार्यवाही के चलते लाईसेेंस के लिए तकरीबन 260 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं। खाद्य अधिकारी एडलिन ईपन्ना में आने कहा कि, लोगों की सेहत के लिए इस तरह के नियम पहले से ही बने होते हैं लेकिन प्रशासन को आखिर आला कमान के आदेश का इंतजार क्यों होता है। जब जिलेभर में 90 लाईसेंस ही थे तो खाद्य विभाग और प्रशासन द्वारा पहले से कार्यवाही क्यों नही की गई। आपको परोसे जाने वाला मीट अथवा चिकिन किस स्तर का है इसकी सेंपलिंग की जाना भी आवशयक है।

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