भोपाल। Is the politics of MP dependent on Babas? मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही अब भविष्यवाणियों का दौर शुरू हो गया है। बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के गुरु रामभद्राचार्य ने भाजपा को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। इस पर कांग्रेस ने तंज कसा कि BJP अब बाबाओं को भी ED का डर दिखाकर प्रायोजित आशीर्वाद ले रही है लेकिन गीता के अनुसार कर्म फल कमलनाथ को मिलेगा। सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश की राजनीति अब बाबाओं के भरोसे है।
Is the politics of MP dependent on Babas? जगद्गुरु पद्मविभूषण रामभद्राचार्य ने मध्यप्रदेश में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया है। दरअसल, राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल सतना में उनसे आशीर्वाद लेने पहुंचे तो उन्होंने पटेल के दोबारा मंत्री बनने के साथ एमपी में भाजपा सरकार आने की भविष्यवाणी कर दी। इससे पहले भी रामभद्राचार्य CM शिवराज के चुनाव जीतने पर शपथ ग्रहण में तिलक करने की बात कह चुके हैं। बाबा की इस भविष्यवाणी पर भाजपा नेता गदगद हैं तो वहीं कांग्रेसी इसे ED के डर से प्रायोजित आशीर्वाद बता रहे हैं।
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हालांकि साधु-संतों के चरणों में नेताओं के मत्था टेकने का ये कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में बागेश्वर धाम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक नतमस्तक हो चुके हैं। इससे पहले पंडोखर सरकार, कम्प्यूटर बाबा और मिर्ची बाबा जैसे कई साधु-संतों का भी सियासत से करीबी रिश्ता रहा है। दरअसल, आस्था के आगे शीश झुकाने वालों की भारी भीड़ है। चमत्कार का दावा करने वाले बाबा भीड़ खींचने की मशीन की तरह हैं और इस भीड़ को वोटबैंक में बदलने के लिए नेता बाबाओं के शरणागत हो जाते हैं। लेकिन हकीकत यही है कि लोकतंत्र में कोई साधु-संत-बाबा चुनाव नहीं जिता सकता, ये शक्ति सिर्फ जर्नादन जनता के पास है।
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