Mohan Cabinet ke Faisle: मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले, पुलिस अधिकारियों को मिलेंगे टैबलेट, उज्जैन से पीथमपुर तक मेट्रो, 27 परियोजनाओं को मंज़ूरी
Mohan Cabinet ke Faisle: मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले, पुलिस अधिकारियों को मिलेंगे टैबलेट, उज्जैन से पीथमपुर तक मेट्रो, 27 परियोजनाओं को मंज़ूरी
Mohan Cabinet ke Faisle/Image Source: IBC24
- मोहन कैबिनेट के बड़े फैसले,
- अभियोजन व्यवस्था सुदृढ़ होगी,
- पुलिस को मिलेंगे टैबलेट,
भोपाल: MP News: मध्य प्रदेश सरकार की मोहन कैबिनेट की बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के अहम फैसलों की जानकारी दी। बैठक में अभियोजन व्यवस्था को मजबूत करने से लेकर पुलिस विभाग के डिजिटलीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण योजनाओं को मंजूरी दी गई। Mohan Cabinet ke Faisle
Mohan Cabinet ke Faisle: संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया की हर बोर्ड में एक लोक अभियोजन अधिकारी रहेगा। कैबिनेट ने 610 पदों की स्वीकृति दी है। थानों में जांच के लिए जांच अधिकारियों को टैबलेट मिलेंगे। अभी 1,732 अधिकारियों को टैबलेट दिए जाएंगे। चरणबद्ध रूप से कुल 25,000 टैबलेट खरीदे जाएंगे। मेट्रो कनेक्टिविटी और सड़क परियोजनाओं की बड़ी घोषणाएं उज्जैन से इंदौर और इंदौर से पीथमपुर तक मेट्रो चलेगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि मध्य प्रदेश को 73 करोड़ रुपये की राशि विभिन्न योजनाओं के लिए दी जाएगी। भोपाल-जबलपुर ग्रीन फील्ड हाईवे तैयार किया जाएगा। इस परियोजना से इंदौर और भोपाल के बीच की दूरी 160 किलोमीटर तक कम होगी।
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Mohan Cabinet ke Faisle: लखनादौन से रायपुर के बीच 220 किलोमीटर के प्रोजेक्ट में 10,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उज्जैन-झालावाड़ मार्ग, बदनावर-टिमरनी मार्ग, खंडवा-बैतूल फोरलेन, इंदौर सिक्स लेन बायपास समेत 27 परियोजनाओं को नितिन गडकरी ने दी मंज़ूरी। नेशनल पार्कों के बीच एलिवेटेड सड़कों का निर्माण होगा, जिससे एक जंगल से दूसरे जंगल तक सीधी सड़क बनेगी। कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच के बीच टाइगर कॉरिडोर बनाया जाएगा। बंदरगाहों से सीधे कनेक्टिविटी के लिए योजना स्वीकृत की गई है। यह 73 करोड़ रुपये की योजना मध्य प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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Mohan Cabinet ke Faisle: वन कोर्ट वन प्रॉसिक्यूटर योजना के तहत अभियोजन व्यवस्था मजबूत होगी अभियोजन की स्वीकृति के लिए पद बढ़ाए जाएंगे। एडीपीओ और डीपीओ की संख्या कम होने की वजह से कई बार सरकार केस हार जाती है। इस नई व्यवस्था से लोगों को न्याय भी जल्दी मिलेगा। न्यायालय की हमेशा यह शिकायत रहती है कि अभियोजन अधिकारियों की उपस्थिति नहीं होने के कारण तारीख आगे बढ़ानी पड़ती है। अब 185 अतिरिक्त लोक अभियोजन अधिकारी, 225 अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी और 100 सहायक जिला अभियोजन अधिकारियों के पद स्वीकृत किए गए हैं। कुल 610 पद स्वीकृत किए गए हैं जिन पर लगभग 60 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

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