Rajasthan News: डायनासोर नहीं, कुछ और निकला! भारत में पहली बार मिला यह विचित्र जीव, रेत में हैरान कर देने वाली खोज

Rajasthan News: डायनासोर नहीं, कुछ और निकला! भारत में पहली बार मिला यह विचित्र जीव, रेत में हैरान कर देने वाली खोज

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  • Publish Date - August 26, 2025 / 12:37 PM IST,
    Updated On - August 26, 2025 / 12:37 PM IST

Rajasthan News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • जैसलमेर में मिला दुर्लभ फाइटोसॉरस का जीवाश्म,
  • भारत में पहली बार संरक्षित रूप में खोज,
  • 20 करोड़ साल पुराना रहस्यमयी जीवाश्म,

जैसलमेर: Jaisalmer News: जैसलमेर के मेघा गांव में मिला जीवाश्म जिसे पहले डायनासोर का माना जा रहा था वह दरअसल डायनासोर का नहीं बल्कि फाइटोसॉरस का है। यह भारत के लिए एक बेहद रोमांचक खोज है क्योंकि देश में पहली बार किसी फाइटोसॉरस का संरक्षित जीवाश्म मिला है। मेघा में मिले वर्टिब्रेट स्केलेटन की जांच रविवार को जय नारायण विश्वविद्यालय के भू-विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष व जीवाश्म वैज्ञानिक प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह परिहार द्वारा की गई। Rajasthan News

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Rajasthan News:  जीवाश्म वैज्ञानिक प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह परिहार ने विस्तृत जांच के बाद बताया कि यह एक सरिसृप का जीवाश्म है। यह जीव मूल रूप से मगरमच्छ के आकार का था जिसकी लंबाई लगभग तीन मीटर थी। ये जीव घने जंगलों में रहते थे तथा मीठे जल स्रोतों के आस-पास विचरण करते थे। इस जीवाश्म की संभावित आयु लगभग 20.12 करोड़ वर्ष मानी जा रही है। भू-विज्ञानी डॉ. नारायण दास इनखिया ने बताया कि यह खोज न केवल जैसलमेर, बल्कि पूरे देश के लिए विशेष महत्व की है। मेघा गांव में मिला यह जीवाश्म लगभग दो मीटर लंबा है तथा इसका सिर, रीढ़ की हड्डी और पांव अब भी जीवाश्म रूप में सुरक्षित हैं।

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Rajasthan News: जैसलमेर में पाया गया यह जीवाश्म अपने आप में दुर्लभ है, और भारत में गोंडवाना क्षेत्र के बाद केवल यहीं से ऐसा जीवाश्म रिपोर्ट हुआ है। जैसलमेर का पश्चिमी इलाका, जिसे ‘लाठी फॉर्मेशन’ कहा जाता है, लगभग 100 किलोमीटर लंबा और 40 किलोमीटर चौड़ा है। यहां की चट्टानें मीठे पानी, समुद्री जीवन और जलीय वातावरण का प्रमाण देती हैं। यही कारण है कि यहां फाइटोसॉर मिला है, क्योंकि उस समय यहां एक तरफ नदी और दूसरी ओर समुद्र रहा होगा। जैसलमेर में इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण खोजें हो चुकी हैं।

फाइटोसॉरस क्या है?"

फाइटोसॉरस एक प्रकार का प्राचीन सरिसृप (reptile) था, जो मगरमच्छ जैसा दिखता था और जलीय तथा दलदली इलाकों में रहता था। यह डायनासोर नहीं था, लेकिन उसी युग में अस्तित्व में था।

"फाइटोसॉरस जीवाश्म भारत में पहली बार कहां मिला?"

भारत में पहली बार फाइटोसॉरस का संरक्षित जीवाश्म राजस्थान के जैसलमेर जिले के मेघा गांव में मिला है।

"क्या जैसलमेर में पहले भी डायनासोर या जीवाश्म मिले हैं?"

हां, जैसलमेर क्षेत्र में पहले भी कई महत्वपूर्ण जीवाश्म खोजे गए हैं, लेकिन फाइटोसॉरस का यह पहला मामला है।

"लाठी फॉर्मेशन क्या है?"

लाठी फॉर्मेशन जैसलमेर का पश्चिमी क्षेत्र है, जहां लगभग 100x40 किमी क्षेत्र में प्राचीन चट्टानें हैं जो समुद्री और मीठे पानी के जीवों के प्रमाण देती हैं।

"फाइटोसॉरस डायनासोर से कैसे अलग है?"

फाइटोसॉरस और डायनासोर अलग प्रजातियों के थे। फाइटोसॉरस मगरमच्छ जैसे सरिसृप थे जो जल स्रोतों के पास रहते थे, जबकि डायनासोर विभिन्न आकारों में स्थलीय और शाकाहारी या मांसाहारी जीव थे।