CM राइज स्कूल में प्रवेश को लेकर आया बड़ा अपडेट, अब बच्चों को नर्सरी क्लास में नहीं दिया जाएगा एडमिशन
Big update regarding admission in CM Rise School, admission of children will not be in nursery but in KG-1 : 15 फरवरी तक करें आवेदन
Applications will be taken till February 15: भोपाल : सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसमे बड़ी तादाद में लोगों ने अपने बच्चे के एडमिशन के लिए आवेदन किये है। बता दें कि सीएम राइज स्कूलों में प्रवेश लाटरी के जरिए दी जाएगा। जिसका आयोजन 16 फरवरी को किया गया है। लेकिन स्कूलों में प्रवेश से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें की CM राइज स्कूलों में नर्सरी नहीं बल्कि KG-1 से प्रवेश मिलेगा।
आवेदन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है
प्रदेश के 275 स्कूलों में प्रवेश के लिए 15 फरवरी तक आवेदन किया जा सकेगा। जिसके बाद 16 फरवरी को लाटरी के माध्यम से बच्चों का स्कूल में दाखिला होगा। बता दें कि राजधानी के 8 स्कूलों को CM राइज स्कूल के लिए चयनित किया गया है। प्रवेश के लिए आवेदन 15 फरवरी दोपहर 2 बजे तक स्वीकार किए जाएंगे। जिन स्कूलो में उपलब्ध सीट से अधिक आवेदन आते हैं तो उन स्कूलों में लाटरी सिस्टम से प्रवेश दिया जाएगा। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) की ओर से प्रवेश नीति जारी की गई है।
केजी-1 में चार वर्ष और केजी-2 में पांच वर्ष के बच्चों के प्रवेश होंगे
इन स्कूलों में नर्सरी में प्रवेश नहीं होंगे, बल्कि केजी-1 में चार वर्ष और केजी-2 में पांच वर्ष के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। प्रदेश के 275 स्कूलों को सीएम राइज स्कूल के रूप में चयनित किया गया है। इसके साथ ही प्रवेश नीति में यह उल्लेखित है कि बच्चों का स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं लिया जाएगा। कक्षा में बैठक व्यवस्था से अधिक प्रवेश नहीं देना है। प्रत्येक स्कूल को अपने सूचना पटल पर कक्षावार रिक्तियों की सूची चस्पा करना अनिवार्य है। बता दें कि राजधानी के आठ सरकारी स्कूलों को सीएम राइज स्कूल चयनित किया गया है।
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स्कूलों में होगी कई अत्याधुनिक सुविधाएं और कुशल शिक्षक
Applications will be taken till February 15: इस योजना के तहत स्कूलों को केजी से कक्षा 10 या 12 तक एकीकृत तरीके से विकसित करने की परिकल्पना की गई है। इस योजना का लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा योजना का एक अन्य मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश के स्कूलों में संक्रमण दर को बढ़ाना है।

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