Jabera Assembly Elections 2023 : भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी पांचवी सूची शनिवार को जारी कर दी है। जिसमें कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। इससे पहले बीजेपी अपनी चार सूचियां जारी कर चुकी है। जिसमें कुल 136 प्रत्याशियों के नाम शामिल थे। बीजेपी ने पांचवी सूची में 92 प्रत्याशियों के नाम जारी किए हैं।
Jabera Assembly Elections 2023 : आपको बता दें कि भाजपा के 92 प्रत्याशियों में सामान्य के 30, अन्य पिछड़ा वर्ग के 29, अनुसूचित जाति के 16 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 17 प्रत्याशी है। वहीं, अब तक घोषित 228 प्रत्याशियों में सामान्य के 78, अन्य पिछड़ा वर्ग के 69, अनुसूचित जाति के 34 और अनुसूचित जनजाति के 47 प्रत्याशी है। इसमें 28 महिला और 200 पुरुष उम्मीदवार है।
साल 2018 में जबेरा विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी और कांग्रेस के प्रताप सिंह के बीच मुकाबला था जिसे बीजेपी उम्मीदवार ने 3485 मतों से जीता। बता दें कि जबेरा सीट पर लोधी समाज की आबादी सबसे बड़ी संख्या में है और यही वजह हैं कि कांग्रेस और बीजेपी यहां से इस समुदाय के उम्मीदवार को टिकट देती आई हैं। हालांकि इस सीट पर आदिवासी समुदाय का वोट भी निर्णायक साबित होता है। दमोह लोकसभा के अंतर्गत आने वाली जबेरा विधानसभा में करीब 2 लाख मतदाता हैं। सड़क, पानी, बिजली जैसे मूलभूत समस्याओं के अलावा किसानों के लिए सिंचाई योजना और आदिवासियों के कल्याण के लिए लाई जाने वाली योजनाएं इस सीट पर मुख्य चुनावी मुद्दा साबित होती आईं हैं।
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में जबेरा सीट पर कांग्रेस के प्रताप सिंह और बीजेपी के दशरथ सिंह लोधी मैदान में थे। नतीजों में कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह को करीब 12 हजार वोटों से जीत मिली थी। गोंडवाना गणतंत्र और बीएसपी जैसी पार्टियां भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुकी हैं। तीसरे नंबर पर भारतीय शक्ति चेतना पार्टी रही जिसे करीब 5 फीसदी वोट हासिल हुए थे।
Jabera Assembly Elections 2023 : दमोह जिले की जबेरा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। बीजेपी ने वर्तमान विधायक धमेंद्र सिंह लोधी पर अपना भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। तो वहीं उनके सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं दमोह सांसद प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी है। बता दें कि जबेरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा और यहां से पूर्व मंत्री स्व रत्नेश सालोमान का दबदबा रहा। उनके निधन के बाद यहां से उपचुनाव में दो बार भाजपा के दशरथ सिंह को विजयश्री हासिल हुई और वह 2011 के उप चुनाव में जीतने के बाद मंत्री भी बने, लेकिन मुख्य चुनाव में हमेशा हार का सामना करना पड़ा। इसके पूर्व 1990 से 93 तक भाजपा के बुग्गे भैया ओम प्रकाश राय विधायक रहे। इस बार देखना ये होगा कि जनता बीजेपी पर भरोसा कायम रख पाती है या फिर कांग्रेस के साथ जाती है।
इसके बाद पुनः रत्नेश सालोमन 1993 से 2003 तक कांग्रेस से विधायक रहते हुए दिग्विजय सरकार में मंत्री रहते हुए क्षेत्र का नेतृत्व किया। फिर भाजपा ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए चंद्रभान सिंह को जबेरा से विधानसभा का टिकट देकर कांग्रेस के रत्नेश सालोमन के खिलाफ उतारा गया और चंद्रभान सिंह चुनाव जीत गए, लेकिन 2004 में लोकसभा चुनाव में चंद्रभान सिंह को दमोह लोकसभा से प्रत्याशी बनाया गया और वह जीतकर दिल्ली पहुंचे इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और जबेरा विधानसभा में उपचुनाव हुआ।
भाजपा से दशरथ सिंह चुनाव मैदान में थे और कांग्रेस से रत्नेश सालोमान। इस उपचुनाव में दशरथ सिंह को प्रदेश में भाजपा की सरकार होने का फायदा मिला और वह चुनाव जीत गए। 2008 में विधान सभा के आम चुनाव हुए और रत्नेश सालोमन पुनः चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
2011 में उनका निधन हो गया और एक बार फिर जबेरा में उपचुनाव हुआ। कांग्रेस की ओर से रत्नेश सालोमन की बेटी तान्या चुनाव मैदान में थी और भाजपा की ओर से दशरथ सिंह थे। दशरथ सिंह ने यह उपचुनाव भी जीत लिया और प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बने और इसी चुनाव के बाद यह सीट लोधी बाहुल्य के रूप में उभरी।
Jabera Assembly Elections 2023 : 2018 में यहां से भाजपा के धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कांग्रेस के प्रताप सिंह लोधी को पराजित किया। वर्तमान में इस विधानसभा क्षेत्र से दोनों ही राजनीतिक दल लोधी समाज को ही महत्व दे रहे हैं। कांग्रेस ने तो जबेरा विधानसभा से वर्ष 2018 में पराजित पूर्व विधायक प्रताप सिंह लोधी को ही प्रत्याशी बनाया है जबकि भाजपा द्वारा अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है।
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