उपचुनाव की जंग…ट्रंपकार्ड किसके पास?

उपचुनाव की जंग...ट्रंपकार्ड किसके पास?! By-election battle...who has the trump card?

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  • Publish Date - October 20, 2021 / 12:07 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

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भोपाल: प्रदेश की चार सीटों पर होने वाली उपचुनाव को 2023 से पहले सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है, लिहाजा जीत के लिये कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों ही सियासी दल अपने-अपने मुद्दों के साथ एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस जहां महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर चुनावी मैदान में है, तो वहीं बीजेपी ने ओबीसी आरक्षण को बड़ा मुद्दा बनाया है। अब सवाल ये है कि कांग्रेस और बीजेपी जिन मुद्दों को लेकर जनता के पास जा रहे हैं, क्या वो ट्रंपकार्ड साबित होंगे?

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मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव में आखिरी दौर के प्रचार में कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने ट्रंप कार्ड का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है, जीत के लिए बड़े बड़े दावे और वादे किये जा रहे है। बात करें कांग्रेस की तो सत्तारूढ़ बीजेपी को घेरने मंहगाई और बेरोजगारी को अपना प्रमुख हथियार बनाया है। चुनावी रैलियों में कांग्रेस नेता कमलनाथ सरकार में हुए किसान कर्ज माफी को गिना रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस खंडवा, पृथ्वीपुर, जोबट और रैगांव में प्रदेश सरकार के खिलाफ पोलखोल अभियान चला रही है। इसके तहत कोरोना काल की गड़बड़ियों, सरकार के विभागों के भ्रष्टाचार, खाद संकट, मिलावटखोरी, बेरोजगारी, चयनित शिक्षक, महिला अपराध ,किसान जैसे मुद्दे पर घर-घर जाकर सरकार की पोल खोल रही है।

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वहीं दूसरी ओर बीजेपी के लिए सबसे बड़ा मुद्दा ओबीसी आरक्षण है, 27 फीसदी आरक्षण के फैसले को बीजेपी ने अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। वहीं बीजेपी प्रत्याशी और चुनाव प्रचार करने नेता शिवराज सरकार के बड़े फैसले भी जनता को गिना रहे हैं। इसके अलावा कांग्रेस सरकार के अधूरे वादों को बीजेपी ने अपना चुनावी हथियार बनाया है।

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जाहिर है मध्यप्रदेश में होने जा रहे एक लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजों से शिवराज सरकार की सेहत पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन चुनाव के नतीजे जनता के मूड को जरूर बताएंगे। साथ ही साथ 2023 के लिए संकेत भी देंगे। यही वजह है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने ट्रंपकार्ड के साथ चुनावी मैदान में हैं।

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