MP News : मंत्री जी से सीधे मिलने ना जाए कॉलेजों के प्रोफेसर और कर्मचारी, नहीं तो होगी कार्रवाई, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान

Higher Education Department Order : सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर और अन्य कर्मचारी अब उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से सीधे नहीं मिल सकेंगे।

MP News : मंत्री जी से सीधे मिलने ना जाए कॉलेजों के प्रोफेसर और कर्मचारी, नहीं तो होगी कार्रवाई, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया फरमान

Higher Education Department Order

Modified Date: June 8, 2024 / 12:06 pm IST
Published Date: June 8, 2024 12:06 pm IST

भोपाल : Higher Education Department Order : मध्य प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के प्रोफेसर और अन्य कर्मचारी अब उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से सीधे नहीं मिल सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग एक सर्कुलर जारी करते हुए प्रोफेसर और अन्य कर्मचारीयों को उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से सीधे न मिलने की बात कही है। सर्कुलर में कहा गया है कि,कोई भी प्रोफेसर, अधिकारी या अन्य शासकीय सेवक विभागाध्यक्ष की लिखित अनुमति के बिना मंत्री से संपर्क नहीं करेगा। न ही सीधे पत्र लिखेगा। ऐसा करने पर उसके के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें सभी

विभाग ने कहा है कि सरकारी कॉलेजों में पदस्थ प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी अपने प्रमोशन, विभागीय जांच और ट्रांसफर पोस्टिंग आदि के लिए रोज मंत्री से मिलते हैं। ऐसा आचरण शोभनीय नहीं है। सीधे संपर्क न साधें और न पत्र लिखें। बल्कि उचित मार्ग से शासन की निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।

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उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि कार्यलीय प्रमुख को सूचना दिए बिना नहीं आना चाहिए। इससे कॉलेजों के एकेडमिक गतिविधियां प्रभावित होती है। अवकाश के दिनों में लोग आएं। इस दौरान किसी से भी मिलने से परहेज नहीं है।

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काम समय पर हो तो कोई नहीं जाएगा मिलने

वहीं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सर्कुलर जारी करने पर प्रोफेसर्स का कहना है कि, यह सर्कुलर स्वागत योग्य है पर विभागीय अधिकारियों के लिए कार्य करने के लिए समय सीमा तय होनी चाहिए। काम समय पर होंगे तो बिना वजह कोई भी किसी भी कार्यालय व मंत्रीजी के पास नहीं आएगा। वहीं प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के संरक्षक, प्रो. कैलाश त्यागी और प्रांताध्यक्ष डॉ. आनंद शर्मा बोले- सालों से काम पेंडिंग हैं। प्रोफेसर्स को 10 हजार एकेडमिक ग्रेड पे देने का निर्णय हुआ। 3 माह बाद भी आदेश जारी नहीं हुआ।

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