कांग्रेस ने सिंगरौली में पेड़ों की कटाई पर किया प्रदर्शन

कांग्रेस ने सिंगरौली में पेड़ों की कटाई पर किया प्रदर्शन

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  • Publish Date - December 11, 2025 / 12:15 AM IST,
    Updated On - December 11, 2025 / 12:15 AM IST

सिंगरौली (मध्यप्रदेश), 10 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में कांग्रेस ने बुधवार को कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जारी पेड़ों की कटाई, जमीन अधिग्रहण, प्रदूषण और आदिवासी विस्थापन के मुद्दों पर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि क्षेत्र को ‘कुशल विकास’ का नाम देकर आदिवासियों को अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।

हालांकि, जिला कलेक्टर गौरव बैनल ने दावा किया कि कांग्रेस की ओर से इस मामले में ‘भ्रामक’ जानकारी प्रस्तुत की जा रही है जबकि इस परियोजना के लिए आवश्यक सभी प्रक्रियाएं पूरी की गई हैं और अनुमति विधिवत तरीके से हासिल की गई हैं।

कांग्रेस का आरोप है कि सिंगरौली जिले के जंगलों में छह लाख पेड़ों की कटाई की जा रही है और यह तीन कोयला खदानों को अदाणी समूह को देने के लिए किया जा रहा है।

कांग्रेस ने पिछले दिनों इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए यह आरोप भी लगाया था कि अदाणी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए जिले के आठ गांवों को अधिसूचित क्षेत्र से बाहर तक कर दिया गया है।

इसके बाद कांग्रेस ने एक तथ्य अन्वेषण समिति का गठन किया था, जो बुधवार को सिंगरौली पहुंचा लेकिन प्रशासन ने इसमें शामिल नेताओं को जंगल के अंदर जाने से पहले ही रोक दिया।

कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि उन्हें पीड़ितों से मिलने एवं तथ्य जानने तक की अनुमति नहीं दी गई, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।

पटवारी के साथ नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित अन्य नेता भी इस समिति में शामिल थें।

पुलिस की ओर से रोके जाने के बावजूद कांग्रेस नेताओं ने सिंगरौली एवं देवसर क्षेत्र के प्रभावित गांवों का दौरा किया और वहां जारी पर्यावरण संकट, जमीन छीने जाने की शिकायतें, कोयला खदानों से उपजे गंभीर प्रदूषण तथा आदिवासी परिवारों के विस्थापन की स्थिति का प्रत्यक्ष अध्ययन किया।

कांग्रेस ने दावा किया कि ग्रामीणों से कागजों पर सहमति का दावा किया जाता है, जबकि असल में उन्हें धमकाकर हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं।

कांग्रेस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में पटवारी ने कहा, ‘एक पेड़ मां के नाम और पूरा जंगल अदाणी के नाम। यही ‘डबल इंजन’ सरकार की असल नीति है।’

उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 4,000 हेक्टेयर में प्लांट स्थापित करने के नाम पर 10 लाख से अधिक वृक्ष काटे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र को ‘कुशल विकास’ का नाम देकर, आदिवासियों को अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।’

पटवारी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्यप्रदेश में 10 हजार एकड़ का ‘अदाणी देश’ स्थापित कर दिया है, जहां आम नागरिक के जाने पर प्रतिबंध है।

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने कहा, ‘मोदी-शाह सरकार केवल अपने उद्योगपति मित्र अदाणी के पक्ष में निर्णय ले रही है। सिंगरौली के जंगल उजाड़े जा रहे हैं, आदिवासी समुदायों के अधिकारों का निरंतर हनन हो रहा है और पर्यावरणीय नियमों की खुली अवहेलना की जा रही है।’

सिंगरौली के जिलाधिकारी बैनल ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि विरोध प्रदर्शन करने वाले भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि धिरौली कोल ब्लॉक में परियोजना के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं एवं अनुमतियां विधिवत प्राप्त की गई हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के दूसरे चरण की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और संबंधित भूमि ना तो पेसा क्षेत्र में आती है और ना ही यह पांचवीं अनुसूची क्षेत्र है।

उन्होंने दावा किया कि ग्राम सभा परामर्श एवं सार्वजनिक सुनवाई की कार्रवाई नियमानुसार संपन्न की गई है तथा साथ ही वन अधिकार अधिनियम की प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली गई है।

कलेक्टर ने कहा कि वृक्षों की कटाई चरणबद्ध तरीक़े से की जानी है और प्रथम चरण में जो कटाई हो रही है, वहां कोई भी निवासरत नहीं है।

उन्होंने कहा कि अधिग्रहण की कार्रवाई भी चरणबद्ध तरीक़े से होनी है, जिसमें वृक्षों की कटाई के बाद बासी बिरदाह तथा आस पास के गांव की भूमि अधिग्रहित की जानी है।

उन्होंने कहा कि सब कुछ नियमों के हिसाब से हो रहा है और इस संबंध में लगातार सभी गांव के आमजन से संवाद भी किया जा रहा है।

भाषा सं ब्रजेन्द्र शोभना

शोभना