दमोह । conversion of christian missionary children : (जितेंद्र गौतम IBC24)- मध्यप्रदेश के जिला दमोह से धर्मांतरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां रविवार को जिला पहुंचे राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानून गो तथा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह के द्वारा दमोह के ईसाई मिसनरी द्वारा संचालित बालगृहों का निरीक्षण किया गया। जिसमें धर्मांतरण को लेकर उनके हाथ पुख्ता सबूत लगे। जिसके बाद उन्होंने देहात थाना पहुचकर 10 लोगो के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई हैं। वहीं शिकायत दर्ज होने के बाद देहात थाना पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।
conversion of christian missionary children : दरअसल, जिले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानून गो के द्वारा दमोह में संचालित ईसाई मिशनरी के बाल ग्रहों में एकाएक निरीक्षण करने से हड़कंप मच गया। वहीं इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष को निरीक्षण करने कई कठनाइयों का सामना करना पड़ा। यहां तक कि जब दमोह शहर के मड़ाहार स्थित एस0आर0सी0डी छात्रवास पहुंचे, तो उन्हें देख वहां पर मौजूद कर्मियों ने छात्रबास का गेट लगाकर ताला लगा दिया। इतना ही नहीं उनका रास्ता भी रोका गया। हालांकि इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक ने पुलिस और मीडिया की मदद से किसी तरह छात्रवास में दाखिल होने में सफल रहे। मगर वहां अंदर का सच देखकर cnc के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आँखे खुली रह गई।
बता दें की जैसे प्रियंक अंदर पहुचे तो वहां पर एक कमरे बच्चे बंद मिले जिन्हें छिपाया गया। साथ ही वहां पर 91 बच्चे दर्ज थे। मगर वहां कुल 46 बच्चे मिले, जिनमे से अधिकांश बच्चे हिन्दू धर्म को मानने वाले थे और एक बच्चा मुस्लिम था,सभी बच्चे दिव्यांग थे। उन बच्चों को क्रिस्चन रिलिजीएस प्रेक्टिसिस सिखाई जा रही थी। इसके बाद जब संस्थान के रजिस्टर्ड दस्ताबेज मांगे गए तो कोई भी दस्तावेज उन्हें उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बाद बाइबल सोसाइटी में एक उन्हें एक 17 वर्ष ऐसा बच्चा मिला,जिसे डिंडोरी जिले से लाकर दमोह में रखा गया था। जिसको पादरी बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
conversion of christian missionary children: इस जांच के बाद जिले के जबलपुर नाका कोटातला में स्थित आधारशिला संस्थान में बाल भवन का भी निरीक्षण किया गया। जहां पर उन्होंने देखा कि जिन बच्चों को सरकार द्वारा एडॉप्सन में उनके परिवार को दे दिया गया था उन बच्चो को पुनः वापिस ले लिया गया। साथ ही जिन बच्चों का कोई धर्म का पता नही था उन्हें भी क्रिश्चन धार्मिक पहचान दे दी गई। जिसको लेकर गुस्साए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने तत्काल जबलपुर नाका पुलिस चौकी पहुंचकर मामले में शिकायत दर्ज करने का प्रयास किया। घंटो की मसक्कत के बाद आखिरकार देहात थाना में जाकर 10 नामजद लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत एफआईआर दर्ज करा दी गई।
धर्मांतरण मामले में करीब 4 घंटे की मसक्कत के बाद शिकायत दर्ज हो पाई। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा उक्त संस्थानों का निरीक्षण कर जब संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने का प्रयास किया गया तो वहां उनकी शिकायत को नहीं सुनी गई। जिसके बाद वह सभी गुस्से में देहात थाना पहुंचे। इसके बाद समस्त मौजूदा लोगों ने निवेदन करते हुए इस मामले पर गहराई से जांच होनी चाहिए। वहीं मामले की जानकारी के बाद विश्व हिंदू परिषद के दर्जनों कार्यकर्ता देहात थाना पहुंचे। जहां पर उन्होंने जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया। हालांकि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्पष्ट कहा कि आप दर्ज कि जाए और आखिरकार देहात थाना में करीब 2 घंटे से ज्यादा बैठने के बाद उक्त मामले में 10 नामजद व्यक्तियों पर मामला दर्ज कर लिया गया। इस दौरान राष्ट्रीय बाल संरक्षण के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दमोह प्रशासन को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन नाकारा है। साथ ही कहा कि अगर मामले की गहराई से साफ जांच नहीं हुई तो पूरे जिले में प्रशासन के खिलाफ उग्र प्रदर्शन होने से कोई नहीं रोक पाएगा।