Ganeshji idol made of cow dung in Khargone : खरगोन। खरगोन के गांधी नगर स्थित गौ माता सेवा संस्थान और गौ पुत्र अखाडा के गौ सेवकों द्वारा गो शाला में गायों के बीच ही गणेश पांडाल स्थापित किया गया है। जहां शुद्ध गोबर से निर्मित प्रथम पूज्य श्री गणेश जी की आकर्षक निर्मित मूर्ति तैयार की गई है । करीब एक सप्ताह की मेहनत के बाद यह गोबर से निर्मित प्रतिमा तैयार कर इसे गणेश चतुर्थी के दिन शुभ मुहूर्त में स्थापित की गई है। खास बात यह है की प्रतिदिन शाम को आरती के समय गो शाला की गाये भी आरती में शामिल होती है।
Ganeshji idol made of cow dung in Khargone : यही नहीं जब तक आरती पूरी नही होती तब तक गो माता भी मनुष्य की तरह गणेश पांडाल के पास ही खड़ी दिखाई देती है। गो सेवको का कहना है कि गोबर गणेश की प्रतिमा का स्वरूप तैयार करने के पीछे मुख्य उद्देश्य पर्यावरण और जलाशयों को दूषित होने से बचाने और जन जाग्रति लाना है। बाजार मे मिल रही POP की प्रतिमाओं से विसर्जन के पश्चात जल प्रदुषण तो होता ही है साथ ही जिस भगवान को भाव के साथ दस दिन तक पूजा जाता है उस प्रतिमा के अङ्ग भंग होकर यहाँ वहाँ पड़ी मिलती है, जिससे भावनाएं भी आहत होती है। सनातन धर्म शास्त्रों मे भी गणेशजी की प्रतिमा गौ माता के गोबर से बनाने का विधान है। जो प्रकृति व पर्यावरण के अनुकूल है। वैसे भी गौ माता के गोबर मे लक्ष्मीजी व गौ मूत्र मे भगवान धन्वन्तरि का वास होता है।
इन्ही सब बातों को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से करीब 21 गौ सेवकों द्वारा एक सप्ताह के मेहनत के बाद गोबर गणेश की प्रतिमा का निर्माण किया है। वही गोबर गणेश के दर्शन के लिए पहुंच रही महिलाओ का भी कहना है कि इस वर्ष हमें बेहद खुशी है कि यहां गाय के शुद्ध गोबर से गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है। साथ ही इससे पर्यावरण का भी अच्छा संदेश दिया जा रहा है।