Reported By: Nasir Gouri
,Jyotiraditya Scindia Letter | Source : IBC24 File Photo
ग्वालियर। Jyotiraditya Scindia Latest News : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक अलग रूप सामने आया है। कल रात्रि केंद्रीय मंत्री को सिंध नदी के अचानक बढ़े जलस्तर व अधिक तेज गति से बहाव के कारण अलग अलग जगह 12 लोगों की टापू में फँसे होने की सूचना मिली। केंद्रीय मंत्री ने तुरंत प्रशासन को त्वरित हर इंतज़ाम करके बचाने के निर्देश दिया। SDERF की टीम इसके बाद पूर्ण मुश्तैदी से लगी और किनारे पर से सम्पर्क फँसे हुए लोगों से बनाया।
हालाँकि सिंध पानी के पानी का बहाव बेहद तेज था जिसके कारण नाँव ले जाकर बचाना मुश्किल था, SDERF की टीम बहाव की गति कम होने का इंतजार करने लगी। केंद्रीय मंत्री इसके बाद इस रणनीति पर कार्य शुरुआत कर दी की अगर सुबह तक स्तिथि नहीं बदली और धारा की गति कम नहीं हुआ तो तड़के सुबह हेलिकॉप्टर से निकाला जाए। हालाँकि सुबह में पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ और SDERF की टीम टापुओं पर पहुँची व सभी फँसे हुए लोगों को निकाला।
तहसील कोलारस के भड़ौता ग्राम में 15/08/2024 को सिंध नदी में पुल के पास कुल 11 लोग रात में सिंध नदी का रपटा पार करते समय सिंध के तेज बहाव में फ़स गये। इनमें एक महिला भी शामिल थी।पुल के दोनों और चेतावनी और निषेध होने के बाबजूद भी ये लोग पुल पार कर रहे थे।इनमें से रात्रि में ही 1 महिला और 2 पुरुष को बचाव अभियान चला कर सुरक्षित निकाल लिया गया था, शेष रहे 8 लोगो को आज सुबह 6:30 के क़रीब सुरक्षित निकाल लिया गया।
इनमें 5 वयस्क और तीन नाबालिग बच्चे थे। जिन लोगों का रेस्क्यू किया गया उनमें ग्राम भड़ौता के अजीत पुत्र राजेश केवट, करण पुत्र कल्याण केवट, के.पी. पुत्र पंचम गुर्जर ग्राम देहरदा गणेश के पवन पुत्र बलवीर दांगी, रवि पुत्र जगदीश दांगी और खनियाधाना के नासिर पुत्र अब्दुल हलीम, विवेक पुत्र प्रेम खटीक और साहिल पुत्र शाहरुख़ खान शामिल हैं। सभी व्यक्ति सुरक्षित है। एक व्यक्ति राजपाल यादव निवासी मझारी गाँव इंदार थाना के रहने वाले थे वो भैंस को चराने निकले थे वो अकेले एक टापू पर फंस गए थे। इन्हें भी प्रशासन द्वारा बचा लिया गया है।
आज सभी के सुरक्षित निकाले जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आत्मिक तरीक़े से अकेले फँसे हुए चरवाहे से फोन पर बात की, केंद्रीय मंत्री ने पहले कुशल मंगल जाना, इसके बाद कहा मैं हूँ ना, कुछ नहीं होने दूँगा। इसके बाद चरवाहे के भैंस के बारे में भी जानकारी ली की उनके मवेशी भी बचा लिए या नहीं। चरवाहे ने कहा था मवेशी भी बचा लिया गया लेकिन उसे रात में डर लगने लगा था।