Harda Blast Case: हरदा विस्फोट मामले में सनसनीखेज खुलासे.. इस फैक्ट्री में पहले भी 3 बार हादसे.. हो चुकी थी 8 मौतें..

Harda Blast Case: हरदा विस्फोट मामले में सनसनीखेज खुलासे.. इस फैक्ट्री में पहले भी 3 बार हादसे.. हो चुकी थी 8 मौतें..

Harda Factory Dhamaka Big Update

Modified Date: February 7, 2024 / 08:55 am IST
Published Date: February 7, 2024 8:55 am IST

हरदा: मध्यप्रदेश के हरदा में कल यानी मंगलवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट से करीब एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इस पूरी घटना के बाद सरकार और स्थानीय प्रशासन की तरफ से युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाया गया। घायलों को अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में भेजा गया। सेना की भी मदद ली गई। हालांकि कुछ घंटो के बाद ज्यादातर आग पर काबू पा लिया गया था। घटना के तुरंत बाद सीएम डॉ मोहन यादव ने इस विस्फोट की जांच के लिए छह सदस्यीय टीम का भी ऐलान कर दिया था। उन्होंने मृतकों के परिजनों को बतौर सहायता राशि चार-चार लाख रुपये देने की भी घोषणा की थी। साथ ही घायलों को पूरी तरह निःशुल्क इलाज की बात कही थी।

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इस पूरे हादसे में अबतक 14 लोगों की मौत की पुष्टि की जा चुकी हैं। 100 से ज्यादा घायल हैं जिनमे 15 की हालत नाजुक बनी हुई हैं। ऐसे गंभीर मरीजों को भोपाल रवाना कर दिया गया है।

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हादसों की फैक्ट्री

इस पूरे विस्फोट और इनमें हुई मौतों के बाद इस मौत की फैक्ट्री को लेकर कई बड़े और सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। इन खुलासों से पता चलता हैं कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस सुरक्षा को लेकर किस हद तक उदासीन बनी हुई थी। आईबीसी24 की पड़ताल में जो तथ्य उजागर हुए हैं उसके मुताबिक मौत के इस पटाखा फैक्ट्री में पहले भी 3 बार हादसे हो चुके है। बताया गया हैं कि 2015 में आगजनी के बाद 2 लोगों की मौत हुई थी। इसी तरह 2018 में विस्फोट के बाद 3 लोगों की जान गई थी जबकि 2021 में हुए हादसे में भी 3 लोगों की दर्दनाक तरीके से मौत हुई थी।

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पड़ताल में इस बात का भी खुलासा हुआ हैं कि 2015 हादसा मामले में फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल को 10 साल की सजा भी हुई थी लेकिन महीने डेढ़ महीने बाद ही वह जमानत पर बाहर आ गया था। इसके बाद 2022 में राजेश ने भाई के नाम पर फिर से 6 लाइसेंस बनवा लिए थे। इस तरह 2022 में सोमेश अग्रवाल के नाम से 6 विस्फोटक लाइसेंस बने थे। हैरानी की बात यह हैं कि सोमेश अग्रवाल को महज 15 किलो विस्फोटक की अनुमति मिली थी लेकिन यहाँ अवैध रूप से कई टन विस्फोटक जमा किया गया था जोकि इस भीषण हादसे की वजह बना।

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