Reported By: Abhishek Sharma
, Modified Date: March 21, 2024 / 10:04 PM IST, Published Date : March 21, 2024/10:02 pm ISTOsho Sambodhi Divas: जबलपुर। संस्कारों की धरती जबलपुर से अपने अध्यात्म ज्ञान के जरिए दुनिया भर में मशहूर हुए आचार्य रजनीश यानी ओशो के अनुयायी आज संबोधि दिवस मना रहे है, क्योंकि आज के ही दिन आचार्य रजनीश यानि ओशो को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यही वजह है कि आज का दिन ओशो के अनुयायियों के लिए खासा महत्व रखता है।
दरअसल, ओशो के संबोधि दिवस का जबलपुर शहर से खास नाता है। क्योंकि, जबलपुर ही वह स्थान है, जहां ओशो को संबोधि यानि ज्ञान प्राप्त हुआ था। जिस मौलश्री वृक्ष के नीचे ओशो को संबोधि यानी ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वह मौलश्री वृक्ष जबलपुर के भंवरलाल पार्क में आज भी मौजूद है। यह मौलश्री वृक्ष को तभी से सहेज कर रखा गया है।
यही वजह है कि संबोधि दिवस के मौके पर ओशो के अनुयायी यहां आते हैं और मौलश्री के पेड़ के नीचे बैठकर ओशो को महसूस करते हैं। दरअसल, 21 मार्च 1953 को मौलश्री वृक्ष के नीचे ओशो को संबोधि प्राप्त हुई। इस समय ओशो की उम्र महज 21 वर्ष थी,ओशो का संबोधि दिवस मनाने पूरे देश से लोग यहा आते है।